Raksha Bandhan Shubh Muhurat 2025: इस बार रक्षाबंधन 2025 खास और ऐतिहासिक अवसर बनकर आ रहा है। इस बार 297 वर्षों बाद एक ऐसे अद्भुत ग्रह संयोग में आ रहा है, जिसने इस पावन दिन की महत्ता को और भी बढ़ा दिया है।
Raksha Bandhan Shubh Muhurat 2025: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार रक्षाबंधन 2025 खास और ऐतिहासिक अवसर बनकर आ रहा है। इस वर्ष रक्षाबंधन 9 अगस्त को मनाया जा रहा है। इस विशेष दिन कई ऐसे योग बन रहे हैं जो भाई-बहन के रिश्ते के लिए आशीर्वाद से कम नहीं हैं। इस बार 297 वर्षों बाद एक ऐसे अद्भुत ग्रह संयोग में आ रहा है, जिसने इस पावन दिन की महत्ता को और भी बढ़ा दिया है। ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा जानती हैं इस दुर्लभ योग के बारे में। खास बात यह है कि इस बार रक्षाबंधन पर भद्राकाल का साया नहीं रहेगा, यानी बहनें सुबह से लेकर शाम तक कभी भी अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांध सकेंगी। पिछले तीन वर्षों से भद्रा की वजह से राखी बांधने में देरी होती रही थी, लेकिन इस बार पूरा दिन शुभ और मंगलकारी रहेगा।
ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि इस दिन सूर्य और बुध 'कर्क राशि' में होंगे, वहीं चंद्रमा 'मकर राशि' में स्थित होंगे, मंगल 'कन्या राशि' में स्थित होंगे, गुरु और शुक्र 'मिथुन राशि' में स्थित होंगे, राहु 'कुंभ राशि' में होंगे और केतु 'सिंह राशि' में स्थित होंगे। यह योग इस बात का संकेत है कि इसी प्रकार का ज्योतिषीय योग अंतिम बार 1728 में बना था। साथ ही, भाग्य की बात यह है कि उस समय भी रक्षाबंधन पर भद्राकाल का प्रभाव नहीं था, और 2025 में भी वैसी ही स्थिति दोहराई जा रही है।इसके अलावा, सुबह 5:47 से दोपहर 2:23 तक 'सर्वार्थ सिद्धि योग' रहेगा, जो इस पर्व को और भी मंगलकारी बना देता है। मान्यता है कि इस विशेष योग में बहनों द्वारा राखी बांधने से भाइयों के जीवन में सौभाग्य, सफलता और समृद्धि का आगमन होता है।
ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि रक्षाबंधन के दौरान भद्रा काल पूर्णिमा तिथि के साथ शुरू होगा, यानी 08 अगस्त 2025 को दोपहर 02:12 बजे से। यह समय रक्षाबंधन से एक दिन पहले है। भद्रा काल की समाप्ति 08 अगस्त 2025 को मध्य रात्रि 01:52 बजे होगी। इसका मतलब है कि रक्षाबंधन के दिन भद्रा सूर्योदय से पहले खत्म हो जाएगा और 9 अगस्त को दोपहर 1:24 मिनट तक बहनें बिना चिंता के राखी बांध सकती हैं।
ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि इस साल रक्षाबंधन पर कई शुभ योग बन रहे हैं, जो इस पर्व को और भी खास बनाते हैं। सौभाग्य योग, शोभन योग और सर्वार्थ सिद्धि योग इस दिन मौजूद होंगे। श्रवण और धनिष्ठा नक्षत्र का दुर्लभ संयोग भी बन रहा है, जो इस पर्व को और अधिक मंगलकारी और फलदायी बना देगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इन योगों में किए गए कार्य शुभ फलदायी होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि लाते हैं।
कि राखी बंधवाते समय भाई का मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। बहनों को पूजा की थाली में चावल, रोली, राखी, दीपक आदि रखना चाहिए। इसके बाद बहन को भाई के अनामिका अंगुली से तिलक करना चाहिए। तिलक के बाद भाई के माथे पर अक्षत लगाएं। अक्षत अखंड शुभता को दर्शाते हैं। उसके बाद भाई की आरती उतारनी चाहिए और उसके जीवन की मंगल कामना करनी चाहिए। कुछ जगहों पर भाई की सिक्के से नजर उतारने की भी परंपरा है।