Sarva Pitru Amavasya Katha: सर्व पितृ अमावस्या 2024 आज है, इस दिन पितृ अपने लोक को लौट जाते हैं। आइये जानते हैं सर्व पितृ अमावस्या की प्रामाणिक कथा, जिसमें पितर तपस्विनी पर नाराज हो गए ..
जयपुर-जोधपुर के पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान के भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्लेषक डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि श्रेष्ठ पितृ अग्निष्वात और बर्हिषपद की मानसी कन्या अक्षोदा घोर तपस्या कर रही थीं। वह तपस्या में इतनी लीन थीं कि देवताओं के एक हजार वर्ष बीत गए। उनकी तपस्या के तेज से पितृ लोक भी प्रकाशित होने लगा और सभी श्रेष्ठ पितृगण अक्षोदा को वरदान देने के लिए एकत्र हुए। उन्होंने अक्षोदा से कहा कि हे पुत्री हम सभी तुम्हारी तपस्या से बहुत प्रसन्न हैं इसलिए जो चाहो, वह वर मांग लो। लेकिन अक्षोदा ने पितरों की तरफ ध्यान नहीं दिया।
लेकिन उनमें से अति तेजस्वीं पितृ अमावसु को बिना पलके झपकाए देखती रहीं। पितरों के बार- बार कहने पर उसने कहा कि हे भगवान, क्या आप मुझे सच में वरदान देना चाहते हैं। इस पर तेजस्वीं पितृ अमावसु ने कहा हे अक्षोदा वरदान मांगो। अक्षोदा ने कहा कि अगर आप मुझे वरदान देना चाहते हैं तो मैं इसी समय आपके साथ आनंद चाहती हूं।
अक्षोदा की यह बात सुनकर सभी पितृ क्रोधित हो उठे और उन्होने अक्षोदा को श्राप दे दिया कि वह पितृ लोक से पतित होकर पृथ्वीं लोक पर जाएंगी। इसके बाद अक्षोदा पितरों से क्षमा याचना करने लगी। इस पर पितरों को दया आ गई और उन्होंने कहा कि तुम पृथ्वीं लोक पर मत्स्य कन्या के रूप में जन्म लोगी। वहां पराशर ऋषि तुम्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार करेंगे और तुम्हारे गर्भ से व्यास जन्म लेंगे।
इसके बाद तुम पुन: पितृ लोक में वापस आ जाओगी। अक्षोदा के इस अधर्म के कार्य को अस्वीकार करने पर सभी पितरों ने अमावसु को आर्शीवाद दिया कि हे अमावसु आज यह तिथि आपके नाम से जानी जाएगी। जो भी व्यक्ति वर्ष भर में श्राद्ध या तर्पण नहीं कर पाता और अगर वह इस तिथि पर श्राद्ध और तर्पण करता है तो उसे सभी तिथियों का पूर्ण फल प्राप्त होगा।
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