Premanand Maharaj : "प्रेमानंद महाराज जी ने सूर्यास्त से ठीक 24 मिनट पहले और 24 मिनट बाद के समय को पवित्र बताया है। इस दौरान भोजन करने से बचें और आत्मिक उन्नति के लिए मंत्र जप करें।
Premanand Maharaj : वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज से मिलना सभी की एक चाहत जैसी हो गई है। हर कोई उनसे एक बार मिलना चाहता है। उनसे अपनी मन की बात पूछना चाहता है। महाराज जी से मिलने के लिए अनुष्का शर्मा-विराट कोहली से लेकर शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा तक, कई दिग्गज हस्तियों को उनके वृंदावन आश्रम में उनसे मिलने आते देखा गया है। भक्तों की वार्तालाप का महाराज जी बड़ी सरलता से जवाब देते हैं। एक वार्तालाप के दौरान महाराज जी ने खाना खाने के कुछ नियम बताए हैं। प्रेमानंद जी महाराज शाम के समय कुछ भी खाने से मना करते हैं।
प्रेमानंद महाराज जी कहते हैं कि सूर्यास्त से ठीक 24 मिनट पहले और 24 मिनट बाद का समय यानी कुल 48 मिनट बहुत खास और पवित्र माना जाता है। इस दौरान खाना खाना या कोई और शारीरिक काम नहीं करना चाहिए। इस वक्त को शांतिपूर्वक भगवान सूर्य देव को अर्घ्य देने, गायत्री मंत्र, गुरु मंत्र या नाम जप करने के लिए खास माना जाता है।
अगर आपको खाना खाना है तो या तो सूर्यास्त से पहले खा लें या फिर बाद में। लेकिन इन 48 मिनट के दौरान खाना नहीं खाना चाहिए। हां, अगर आप पहले से कोई जरूरी काम कर रहे हैं तो उसे जारी रख सकते हैं, लेकिन थोड़ी देर के लिए समय निकालकर नाम जप जरूर करें, क्योंकि यह समय आत्मिक उन्नति के लिए बहुत शुभ होता है।
आपको बता दें कि प्रेमानंद जी महाराज से मिलने का बहुत ही सरल है। आपको श्री हित राधा केलि कुंज आश्रम में जाना होगा। सुबह 9 बजे के बाद से टोकन मिलना शुरू होता है। लेकिन ध्यान रहे आधार कार्ड साथ में रखना होगा। क्योंकि बिना आधार कार्ड पंजीकरण नहीं होगा। आप आधार कार्ड दिखाकर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। उसके बाद तय किये गए समय पर श्री हित राधा केलि कुंज पहुंचना होगा। महाराज जी का एकांतिक वार्तालाप सुबह 6:30 बजे से शुरू हो जाता है।
56 वर्षीय आध्यात्मिक गुरु प्रेमानंद महाराज का स्वास्थ्य ठीक नहीं है क्योंकि उन्होंने किडनी की गंभीर समस्या है जिसके लिए उन्हें नियमित रूप से डायलिसिस करवाना पड़ता है। कई मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, वे पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज (पीकेडी) से जूझ रहे हैं। यह एक आनुवंशिक समस्या है, जैसे कि उनके गुर्दे में सिस्ट बार-बार बनते रहते हैं, जिससे धीरे-धीरे उनके काम करने का तरीका बिगड़ जाता है। बहुत से लोग उनके बारे में चिंतित हैं।