भगदड़ न हो इसलिए देरी से दी यात्रियों को सूचना, बैरिकेड्स लगाकर एक-एक कोच कराया खाली, फिर की बम निरोधक दस्ता ने जांच
बीना. प्रयागराज जीआरपी को अज्ञात व्यक्ति के फोन से मिली जानकारी ने पूरे रेलवे महकमे को हिला कर रखा दिया, जिसमें सूचना दी गई थी कि कामायनी एक्सप्रेस व काशी एक्सप्रेस में बम है। यह मैसेज जैसे ही बीना स्टेशन पर मिला तो अधिकारियों के हाथ पैर फूल गए और ट्रेन को 11.30 बजे पर स्टेशन के प्लेटफॉर्म क्रमांक एक पर रोका गया और पूरी टे्रन की जांच के बाद उसे भोपाल की ओर रवाना किया, जिसमें अधिकारियों के लिए साढ़े चार घंटे का समय लग गया।
दरअसल स्टेशन पर ऑन ड्यूटी डिप्टी एसएस व आरपीएफ के लिए प्रयागराज जीआरपी का मैसेज मिला था कि कामायनी एक्सप्रेस में बम है। इसके बाद स्टेशन पर सबसे पहले आरपीएफ पोस्ट प्रभारी कमल मीणा व जीआरपी थाना प्रभारी बीबीएस ठाकुर स्टाफ के ट्रेन के पास पहुंचे, लेकिन लोगों में अफरा-तफरी का माहौल न बन जाए, इसलिए इसके बारे में किसी भी यात्री के लिए नहीं बताया गया। यह जानकारी सिटी पुलिस को भी दी गई थी। दोपहर एक बजे एसडीओपी नितेश पटेल, बीना थाना प्रभारी अनूप यादव, आगासौद थाना प्रभारी नितिन पाल स्टाफ के साथ बीना स्टेशन पहुंचे। पर्याप्त स्टाफ के पहुंचने के बाद आरपीएफ ने पहले बैरिकेडिंग करनी शुरू की, लेकिन समय ज्यादा लगने के कारण निर्णय लिया गया गया कि एक-एक करके यात्रियों को स्टेशन से बाहर किया जाए। इसके बाद हर कोच पर जवानों की ड्यूटी लगाई गई और पूरी टे्रन को खाली कराया गया। दोपहर दो बजे बम निरोधक दस्ता में शामिल संजय पांडे, हेमंत त्रिपाठी, मनोज विश्वकर्मा, निरंजन दांगी पहुंचे और सभी 22 कोचों की बारीकी से जांच की गई, लेकिन कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली। इसके बाद बम निरोधक दस्ता से सेफ सर्टिफिकेट मिलते ही ट्रेन को रवाना किया गया। इस दौरान एसडीएम देवेन्द्र प्रताप सिंह, तहसीलदार सुनील शर्मा, एसडीओपी खुरई सचिन परते, खुरई ग्रामीण थाना प्रभारी, सीपीएस सुशील पांडे, एसएमसी आशीष अवस्थी, डीसीआइ मधुकर निगम, सीटीआइ आरके गोस्वामी, सीजीएस बी रजक, सीएचआइ सुधीर साहू आदि मौजूद रहे।
बैग में रखे बड़े लड्डू देख लगा संदिग्ध वस्तु
बम निरोधक दस्ता को जांच के दौरान एक बैग में बम के आकार जैसी वस्तु दी और संदेह होने पर जब बैग खोलकर देखा, तो उसमें आधा-आधा किलो की लड्डू थे। लड्डू देखकर टीम ने राहत की सांस ली, लेकिन फिर भी उन्हें तोड़कर देखा।
मेडिकल स्टाफ व नपा की तीनों दमकल पहुंची मौके पर
एसडीएम के निर्देश पर सिविल अस्पताल से मेडिकल टीम में डॉ. हर्षिता परिहार अपनी टीम के साथ स्टेशन पहुंची। ताकि किसी भी प्रकार की जरूरत पडऩे पर दिक्कत न हो। वहीं, दूसरी ओर नपा से तीन दमकल भी तत्काल स्टेशन पहुंच गई थीं।
पुलिस अधीक्षक लेते रहे मामले में अपडेट
इस पूरे मामले में सागर पुलिस अधीक्षक विकास सहवाल लगातार अपडेट लेते रहे। साथ ही पूरी कार्रवाई में अधिकारियों ने भी फोन पर उनसे मार्गदर्शन लिया। ट्रेन रवाना होने के बाद अधिकारी, यात्रियों ने राहत की सांस ली।
ट्रेन के 22 कोच में सवार थे 3500 से अधिक यात्री
ट्रेन में कुल 22 कोच थे, जिसमें तीन जनरल, एक ट्रेन मैनेजर कोच, नौ स्लीपर, एक इकॉनामी कोच, एक एसी फस्र्ट, छह एसी थर्ड व एक एसएलआर कोच था। इन सभी कोचों में 3500 से अधिक यात्री सवार थे। वर्तमान में यह ट्रेन प्रयागराज नहीं जा रही है, जो परिवर्तित मार्ग झांसी होते हुए जंक्शन पहुंची थी।
बीमारी में होते रहे परेशान
बनारस से मुंबई जाना है, यात्रा शुरू करने के समय से ही तेज बुखार है। बीना स्टेशन पर लंबे समय तक ट्रेन खड़ी रही, जिससे काफी दिक्कत हो रही है।
सीता प्रजापति, मुंबई
भूख से होते रहे परेशान
ट्रेन में पेंट्रीकार न होने व ट्रेन के लगातार लेट होने के कारण परेशान होना पड़ा है। पूरी यात्रा में कुछ भी खाने-पीने का सामान नहीं मिला है। अब स्टेशन पर ट्रेन खड़े होने से परेशान होना पड़ा है।
रमेश अग्रवाल, मुंबई
कंट्रोल रूम की सूचना पर की गई जांच
कंट्रोल रूम की सूचना पर ट्रेन को बीना स्टेशन पर रोककर बम निरोधक दस्ता से जांच कराई गई, जिसमें कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है। सेफ सर्टिफिकेट मिलते ही ट्रेन को चलाया गया था।
डीके जैन, प्रभारी स्टेशन प्रबंधक, बीना
बम की सूचना मिलने पर सुहबह 11.30 बजे एक नंबर प्लेटफॉर्म पर रोकी ट्रेन