
चाचा के निधन की खबर सुनकर भतीजे की मौत (Photo Source- Patrika)
MP News : एक तरफ जहां आजकल संपत्ति या अन्य पारिवारिक कारणों के चलते एक परिवारों में भाई-भाई या चाचा-भतीजे के बीच विवादों की घटनाएं आम हो चली हैं तो वहीं दूसरी तरफ आज भी कुछ मामले ऐसे सामने आ जाते हैं, जो ये ये साबित करते हैं कि, समाज में रिश्तों का महत्व आज भी सर्वोपरि है। इसकी ताज बानगी सामने आई मध्य प्रदेश के सागर जिले से, जहां एक चाचा के निधन की खबर से भतीजे को इस कदर सदमा लगा कि, उनकी भी मौत हो गई।
आपको बता दें कि, लंबी बीमारी के चलते शहर में रहने वाले हीरालाल शर्मा अन्ना चाचा के निधन की खबर जैसे ही उनके भतीजे सुधीर शर्मा को मिली तो उनकी भी तबीयत बिगड़ गई। आनन-फानन उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन तमाम चिकित्सकीय प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।
परिजन एसपी शर्मा ने बताया कि 8 दिसंबर को अन्ना चाचा का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। परिजन ने अन्ना चाचा की देह को बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज को दान कर दिया था। इसकी जानकारी उनके भतीजे सुधीर शर्मा को नहीं दी गई, क्योंकि उनके कार्डियोलॉजिस्ट ने परिवार को बताया था कि, सुधीर शर्मा का हृदय भी काफी कमजोर है तो उनके सामने ऐसा कुछ न हो, जिससे उन्हें सदमा पहुंचे। इसी बात को ध्यान में रखकर घर वालों ने चाचा क निधन की सूचना सुधीर को नहीं दी, क्योंकि चाचा-भतीजे के बीच एक-दूसरे के लिए बेहद प्रेम था। लेकिन बीते दिनों सुधीर शर्मा के किसी मित्र ने उन्हें फोन कर चाचा के निधन पर संवेदनाएं व्यक्त कर दीं, जिसका सुधीर पर इतना गहरा धक्का पहुंचा कि, सन्न रह गए। देखते ही देखते उन्हें घबराहट शुरु हो गई।
सुधीर शर्मा ने चाचा के निधन की जानकारी न देने पर बच्चों के साथ साथ अपना परिजन पर भी खासा नाराज हुए। उन्होंने घर वालों से कहा- इतनी बड़ी घटना मुझसे क्यों छिपाई गई? इसके बाद सुधीर गमगीन होकर एक जगह बैठ गए। यहां देखते ही देखते उनका ब्लड प्रेशर लो होने लगा, पल्स रेट भी गिर गई। आनन फानन में उन्हें इंदौर के एक अस्पताल ले जाया गया। लेकिन, बीते 20 दिसंबर को अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। ये भी बता दें कि, जिस दिन सौरभ की जान गई, उस दिन यानी 20 दिसंबर को अन्ना चाचा की तेरहवीं थी।
Published on:
22 Dec 2025 11:21 am
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