सागर. शहर के पुरानी बसाहट वाले क्षेत्र में लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए हर रोज तरस रहे हैं। यहां पर सीवर व वाटर प्रोजेक्ट के नाम पर सड़कें कई महीनों से खुदी पड़ी हैं। गर्मी, बारिश व ठंड के सीजन में बिजली कभी भी दो से तीन घंटे के लिए गुल होना यहां पर आम […]
सागर. शहर के पुरानी बसाहट वाले क्षेत्र में लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए हर रोज तरस रहे हैं। यहां पर सीवर व वाटर प्रोजेक्ट के नाम पर सड़कें कई महीनों से खुदी पड़ी हैं। गर्मी, बारिश व ठंड के सीजन में बिजली कभी भी दो से तीन घंटे के लिए गुल होना यहां पर आम बात हो गई है। सड़क और बिजली ही नहीं, बल्कि पानी को लेकर भी यहां पर दयनीय स्थिति है। राजघाट बांध से होने वाली जलापूर्ति के नल भी गर्मी के मौसम में 4 से 5 दिन में खुल रहे हैं।
पुरानी बसाहट वाले क्षेत्रों में सबसे बड़ी समस्या तंग गलियों की है। इसी तर्क का हवाला देकर एजेंसियों अपनी जिम्मेदारी से भाग लेती हैं, जिसके कारण यहां रहने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। यहां पर प्रोजेक्ट के नाम पर छुटपुट कार्य ही किए जाते हैं और वह ही अधूरे छोड़ दिए जा रहे हैं। उन्हीं में से एक मामला रोड रेस्टोरेशन का है।
परकोटा, बड़ा बाजार, चकराघाट, बरियाघाट, विवेकानंद वार्ड, पुरव्याऊ टोरी, नरयावली नाका वार्ड, रामपुरा, केशवगंज, इतवारी, शनिचरी, दयानंद वार्ड, कटरा, मोतीनगर वार्ड समेत अन्य वार्डों में ये समस्या है। उक्त क्षेत्रों में करीब एक लाख आबादी रहती है।