सागर

बंगाली समाज की महिलाओं ने दशहरे पर खेली सिंदूर की होली, मातारानी के लगाए जयकारे

गीता मुखर्जी कम्पाउंड और काली बाड़ी में हुआ आयोजन सागर . बंगाली समाज ने विजयादशमी का पर्व गुरुवार को उत्साह के साथ मनाया गया। गोपालगंज स्थित काली बाडी़ और कैंट स्थित गीता मुखर्जी कम्पाउंड में मां दुर्गा की विशेष पूजा अर्चना की गई। महिलाओं को एक-दूसरे को सिंदूर लगाया। माता रानी के जयकारे लगाए। महिलाएं […]

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Oct 04, 2025

गीता मुखर्जी कम्पाउंड और काली बाड़ी में हुआ आयोजन

सागर . बंगाली समाज ने विजयादशमी का पर्व गुरुवार को उत्साह के साथ मनाया गया। गोपालगंज स्थित काली बाडी़ और कैंट स्थित गीता मुखर्जी कम्पाउंड में मां दुर्गा की विशेष पूजा अर्चना की गई। महिलाओं को एक-दूसरे को सिंदूर लगाया। माता रानी के जयकारे लगाए। महिलाएं पारंपरिक वेषभूषा में शामिल हुई। महिलाओं ने पहले माता रानी को गुलाल लगाया, पूजा अर्चना की फिर महिलाओं ने एक दूसरे को सिंदूर लगाया। परंपरा अनुसार नवरात्र में दशमी पर में बंगाली समाज की महिलाएं माता रानी को सिंदूर लगाती हैं और फिर एक दूसरे को सिंदूर लगाकर आरोग्य और सुख समृद्धि की कामना करती है। सिंदूर रस्म के बाद गाजे-बाजों के साथ माता की विदाई दी गई।

वर्ष 1827 से हो रही दुर्गा पूजा

सागर में बंगालियों ने दुर्गा पूजा की शुरुआत 1827 में की थी और तभी से इसको उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। बंगाली समाज कोलकाता के कलाकारों से हर वर्ष प्रतिमाओं का निर्माण कराता है। बंगाली समाज के पर्व की शुरुआत नवरात्रि की पंचमी से होती है और दशहरा तक हर दिन आयोजन होते हैं। देवी पूजा प्रतिपदा से नहीं बल्कि षष्ठी के दिन से शुरू होती है और दशहरा तक चलती है। षष्टि की शाम को प्राण प्रतिष्ठा की जाती है। सप्तमी, अष्टमी और नवमी के दिन सुबह से पूजा-पाठ शुरू हो जाती है। प्रत्येक दिन शाम 8.30 बजे महाआरती होती है। धुनों डांस की एक अलग ही खासियत होती है।

Published on:
04 Oct 2025 12:46 am
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