इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए भौगोलिक हिसाब से सटीक गढ़पहरा रैयतवारी इलाका- 26.63 हेक्टेयर जमीन करीब 10 माह पहले की गई थी आरक्षित सागर. दिल्ली-नागपुर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को लेकर एक अच्छी खबर है। इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की डीपीआर एमपीआइडीसी (मध्यप्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कार्पोरेशन) के द्वारा तैयार करा ली गई है। डीपीआर को स्वीकृति के लिए अब राज्य […]
इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए भौगोलिक हिसाब से सटीक गढ़पहरा रैयतवारी इलाका- 26.63 हेक्टेयर जमीन करीब 10 माह पहले की गई थी आरक्षित
सागर. दिल्ली-नागपुर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को लेकर एक अच्छी खबर है। इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की डीपीआर एमपीआइडीसी (मध्यप्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कार्पोरेशन) के द्वारा तैयार करा ली गई है। डीपीआर को स्वीकृति के लिए अब राज्य शासन के लिए भेजा गया है। डीपीआर के स्वीकृत होते ही सागर में चिन्हित की गई जमीन पर औद्योगिक क्षेत्र को विकसित किया जाएगा। सागर जिला प्रशासन ने गढ़पहरा रैयतवारी के पास करीब 26.63 हेक्टेयर जमीन दिल्ली-नागपुर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए आरक्षित की है। यहां पर मप्र औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग औद्योगिक क्षेत्र विकसित करेगा।
मप्र के बुंदेलखंड से पांच साल पहले डिफेंस कॉरिडोर छिन चुका है और यदि अब दिल्ली-नागपुर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर भी छिनता है, तो क्षेत्र का विकास फिर पिछड़ सकता है। हालांकि शासन स्तर से डीपीआर तैयार कराए जाने के बाद विशेषज्ञों ने यह उम्मीद जताई है कि जल्द ही सागर को एक नया और विशाल औद्योगिक क्षेत्र मिलेगा।
दिल्ली-नागपुर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को लेकर पूर्व में खींचतान चल रही थी। इस कॉरिडोर को नेता अपने-अपने क्षेत्र से गुजारना चाह रहे हैं। पूर्व में कॉरिडोर को मध्यप्रदेश के मुरैना, ग्वालियर, गुना, भोपाल जिलों से गुजारने की प्लानिंग बनाई गई थी, लेकिन बाद में इसमें बदलाव किया गया और फिर एनएच-44 के रूट को तय किया गया। यह रूट एनएच-44 की जगह यदि बीना से भी गुजरता है, तब भी गढ़पहरा रैयतवारी क्षेत्र में औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने को बल मिलेगा।
सागर में फोरलेन से लगे गढ़पहरा रैयतवारी, मसवासी ग्रंट में सैकड़ों हेक्टेयर शासकीय जमीन उपलब्ध है। अन्य जिलों की तुलना में सागर में शासकीय लैंड बैंक की उपलब्धता होने के कारण ही यहां पर पूरे अंचल का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की प्लानिंग की गई है।
दिल्ली-नागपुर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के तहत सागर में जो औद्योगिक क्षेत्र विकसित करना है, उसकी डीपीआर तैयार हो गई है। इस महीने उम्मीद है कि डीपीआर को शासन से स्वीकृति मिल जाएगी, फिर आगे की कार्रवाई करेंगे।
- विशाल सिंह चौहान, कार्यकारी संचालक, मप्र औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग