गढ़पहरा में श्रद्धालु ढोल नगाड़ों व अखाड़ा दलों के साथ हनुमानजी के जयकारे लगाते हुए ध्वजा चढ़ाने पहुंचे। वहीं दादा दरबार, पहलवान बब्बा मंदिर, सिद्धेश्वर हनुमान मंदिर व परेड हनुमान मंदिर में चांदी के मुकुट व पोशाक से श्रृंगार किया गया।
आषाढ़ के चौथे अंतिम मंगलवार को हनुमान मंदिरों में सुबह से देर रात तक भक्तों का तांता लगा रहा। श्रद्धालुओं ने मंदिरों में हनुमानजी की विशेष पूजा-अर्चना की। गढ़पहरा में श्रद्धालु ढोल नगाड़ों व अखाड़ा दलों के साथ हनुमानजी के जयकारे लगाते हुए ध्वजा चढ़ाने पहुंचे। वहीं दादा दरबार, पहलवान बब्बा मंदिर, सिद्धेश्वर हनुमान मंदिर व परेड हनुमान मंदिर में चांदी के मुकुट व पोशाक से श्रृंगार किया गया।
गढ़पहरा मंदिर में सुबह 5 बजे से भगवान का अभिषेक-पूजन हुआ। दोपहर में बब्बा को राज भोग अर्पित किया गया। शाम को हुई सांध्यकालीन आरती और रात की महाआरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। शहर के दादा दरबार मंदिर में हनुमानजी का अभिषेक, सुंदरकांड और हनुमान चालीसा के पाठ सहित विशेष पूजा-अर्चना की गई। परेड मंदिर, पहलवान बब्बा मंदिर में भी बजरंगबली का अभिषेक, महाआरती की गई।
आषाढ़ माह के आखिरी मंगलवार को चंपा बाग सिद्धेश्वर हनुमान मंदिर में पं रघु शास्त्री ने सुबह 6 बजे दूध व पंचामृत से भगवान का अभिषेक किया। सुबह 7 बजे प्रात: मंगला आरती हुई। सुबह 10 बजे से महिला मंडलों ने सुंदरकांड पाठ किया। दोपहर सत्यनारायण भगवान की कथा हुई। शाम 7 बजे भगवान को छप्पन भोग अर्पित किए गए। महाआरती व चांदी की पोशाक से श्रृंगार हुआ।
देव डूंठावली का गंगा, जमुना, सरजू, नर्मदा आदि के जल से अभिषेक किया गया। भगवान को सिंदूर अर्पण कर 6 किलो चांदी की भव्य पोशाक अर्पित की गई। संतोष सोनी मारुति ने छप्पन भोग अर्पण किए। रात 8 बजे 1100 दीपों से महाआरती की गई। चांदी के छत्र चढ़ाकर चूरमा के लड्डू चढ़ाए गए। महाआरती में बद्री प्रसाद शुक्ला, छोटू पंडा, पुजारी रामकुमार तिवारी, अभिषेक सोनी, बृजेश पंडा, अभिनय सोनी आदि भक्त शामिल हुए।