सागर

पशु मुक्त होंगी जिले की चार मुख्य सड़कें, जिम्मेदारी तय की

पशुओं को पकड़कर जुर्माना लगाने की होगी कार्रवाई – कलेक्टर ने जारी किए निर्देश सागर. पायलट प्रोजेक्ट के तहत जिले की चार मुख्य सड़कों से पालतू व आवारा पशुओं से मुक्त कराने के निर्देश दिए हैं। उक्त चार मार्गों में सागर-भोपाल रोड जिसमें सागर से बागरौद चौराहा तक, राष्ट्रीय राजमार्ग-44 के के तहत महाराजपुर से […]

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Jul 08, 2025
सड़कों से पालतू व आवारा पशुओं से मुक्त कराने के निर्देश

पशुओं को पकड़कर जुर्माना लगाने की होगी कार्रवाई - कलेक्टर ने जारी किए निर्देश

सागर. पायलट प्रोजेक्ट के तहत जिले की चार मुख्य सड़कों से पालतू व आवारा पशुओं से मुक्त कराने के निर्देश दिए हैं। उक्त चार मार्गों में सागर-भोपाल रोड जिसमें सागर से बागरौद चौराहा तक, राष्ट्रीय राजमार्ग-44 के के तहत महाराजपुर से मालथौन तक की फोरलेन सड़क, सागर से छतरपुर रोड, सागर से जबलपुर रोड शामिल हैं। कलेक्टर संदीप जीआर ने सभी एसडीएम, जनपद पंचायत सीइओ, सीएमओ सहित अन्य विभागीय अधिकारी प्रमुखता से कार्रवाई करें और पशुओं को मुख्य सड़कों से पकड़कर निजी व शासकीय गो-शालाओं में भेजें। पशु मालिकों पर प्रत्येक पशु के हिसाब से जुर्माने की कार्रवाई करें और जुर्माने के बाद यदि कोई पशु सड़क पर आता है, तो संबंधित पशु मालिक पर और सख्ती से एक्शन लें। उन्होंने कहा कि इसके लिए संबंधित सड़कों पर सड़कों से लगी हुईं ग्राम पंचायतें, नगरीय निकाय के कोटवार, सचिव, सहायक सचिव, पटवारी, संबंधित अधिकारी-कर्मचारी इस कार्य की विशेष मॉनीटरिंग और कार्रवाई करेंगे। सभी संबंधित सीइओ, सीएमओ कैटल कैचर वाहन क्रय कर व किराये पर लेकर कार्रवाई शुरू करें, जिससे कि कोई भी पशु सड़कों पर विचरण न कर सके। विचरण करने से अनेक दुर्घटनाएं होती हैं व जनहानि होती है।

40 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से दी जा रही राशि

कलेक्टर संदीप जीआर ने कहा कि उक्त सभी सड़कों पर टोल टैक्स कंपनी के प्रतिनिधियों से चर्चा करें व पशुओं को पकडऩे के लिए आवश्यक कार्रवाई करें। सभी पशुओं को पकड़कर गो-शाला में शिफ्ट किया जाए। गो-शालाओं में शासन की ओर से प्रत्येक पशु प्रत्येक दिन के हिसाब से 40 रुपए की राशि प्रदान की जाती है, जिससे कि उचित रखरखाव हो सकेगा। इसके साथ ही संबंधित पशु मालिक पर प्रत्येक पशु के हिसाब से जुर्माना भी लगाएं।

पत्रिका व्यू- शहर को सब भूल रहे

सागर नगर निगम क्षेत्र को मवेशी मुक्त करने के लिए दो साल पहले जोरशोर से अभियान चलाया गया था। करीब चार महीने तक डेयरियों और सड़कों पर बैठने वाले मवेशियों को पकड़कर बाहर किया गया, लेकिन जब अभियान को सफलता नहीं मिली, तो इसको बंद कर दिया गया। वर्तमान में हालत यह है कि शहर की ऐसी कोई भी सड़क नहीं है, जहां पर आवारा मवेशियों को जमावड़ा न रहता हो।

Updated on:
08 Jul 2025 10:40 pm
Published on:
08 Jul 2025 10:39 pm
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