प्राचीन अष्ट विनायक गणेश मंदिर के घाट पर सोमवार को गंगा आरती का आयोजन किया गया। झील में चलने वाले क्रूज पर भी बैठकर लोग गंगा आरती में शामिल हुए।
रोशनी से जगमग हो उठा गणेश घाट, बड़ी संख्या में शामिल हुए श्रद्धालु
सागर. प्राचीन अष्ट विनायक गणेश मंदिर के घाट पर सोमवार को गंगा आरती का आयोजन किया गया। झील में चलने वाले क्रूज पर भी बैठकर लोग गंगा आरती में शामिल हुए। रमतूला, ढपली दल ने अपनी लोककला का प्रदर्शन करते हुए नागरिकों को अपनी ओर आकर्षित किया। तबला वादन के कलाकारों ने प्रस्तुति दी। छतरियों पर रंगबिरंगी रोशनी जगमगा रही थी। झील में तैरती हुई विभिन्न नाव में से एक पर मां गंगा की सुंदर मूर्ति विराजमान थी, तो अन्य नाव में डमरू दल के कलाकार और श्रद्धालु बैठे थे। आदर्श संगीत महाविद्यालय के समूह ने मनमोहन संगीत की प्रस्तुति दी। आगामी सोमवार को गंगा आरती के अवसर पर जो भी व्यक्ति यजमान बनना चाहते हैं वे स्मार्ट सिटी में संपर्क कर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं ।
निगमायुक्त निदेशक राजकुमार खत्री ने कहा कि लाखा बंजारा झील सागर की ऐतिहासिक विरासत होने के साथ ही धार्मिक- सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बन रही है। हमारी झील साफ-स्वच्छ व प्रदूषण मुक्त रहे, इसमें जागरूक नागरिकों की बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि झील के सभी घाटों पर सांस्कृतिक, धार्मिक आयोजन हो और नागरिकों का अधिक संख्या में झील और जलस्रोतों से धार्मिक, आध्यात्मिक और सामाजिक जुड़ाव हो। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम, स्वच्छ भारत मिशन, नमामि गंगे आदि अभियानों के माध्यम से साफ-सफाई और स्वच्छ, समृद्ध पर्यावरण के लिए नागरिकों को प्रेरित किया जा रहा है। गंगा आरती के भव्य आयोजन से नागरिकों में धार्मिक ,सांस्कृतिक उत्साह के साथ-साथ स्वच्छता के प्रति सकारात्मक परिवर्तन देखने मिल रहा है।