अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान, लोगों को पंचायत के टैंकरों का इंतजार, जिससे भीषण गर्मी में न भटकना पड़े पानी को
बीना. गर्मी शुरू होते ही ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट गहराने लगा है। नलजल योजनाएं कहीं अधूरी हैं, तो कहीं बंद पड़ी हैं, जिससे इसका लाभ भी ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है। परेशान ग्रामीण पंचायत से पानी की व्यवस्था कराने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई व्यवस्था नहीं हुई है।
ग्राम सेमरखेड़ी में हैंडपंपों का जलस्तर गिरने से दम तोड़ चुके हैं और गांव के कुआं में भी पर्याप्त पानी नहीं बचा है। पानी के लिए ग्रामीण खेतों में बने निजी कुएं से पानी लाने मजबूर हैं, जो गांव से करीब एक किमी दूर है। तपती दोपहरी में ग्रामीण यहां से पानी लाते हैं। गांव में नलजल योजना भी थी, लेकिन वह कई वर्षों से बंद पड़ी है। इसे चालू कराने के लिए भी ग्रामीण कई बार मांग कर चुके हैं। अब गांव में जल जीवन मिशन के तहत लाइन तो डाल दी गई है, लेकिन पानी कब आएगा यह पता नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि हैंडपंपों में घंटों की मशक्कत करने के बाद एक या दो बाल्टी पानी मिल पाता है। जिस कुआं से पानी भरते हैं, उसमें भी पर्याप्त पानी नहीं है। बिहरना गांव से भी पानी की समस्या सामने आई है।
64 पंचायतों में 285 हैंडपंप बंद
ब्लॉक की 64 पंचायतों कुल 937 हैंडपंप हैं, जिसमें 285 बंद हैं। बंद हैंडपंपों में 79 ऐसे हैं, जिनका सुधार कार्य नहीं हो सकता है और स्थायी रूप से बंद कर दिए गए हैं। इसकी रिपोर्ट ग्राम पंचायतों ने तैयार कर जनपद पंचायत कार्यालय में जमा की है, जो हैंडपंप सुधार के लायक हैं उनकी पीएचइ से सुधार कराने की बात अधिकारी कह रहे हैं।
टैंकरों की करा रहे हैं व्यवस्था
ग्रामीण क्षेत्रों में हैंडपंप खराब होने की शिकायतें आ रही हैं, जहां पानी की समस्या है वहां टैंकरों से पानी सप्लाई कराया जाएगा। पानी की समस्या वाले गांव और टैंकरों की जानकारी पंचायतों से ली गई है।
एसएल कुरेले, सीइओ, जनपद पंचायत, बीना