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चार माह से नहीं आई स्व-सहायता समूहों को राशि, कैसे मिलेगा बच्चों को मध्याह्न भोजन में पोषण आहार

समूह संचालकों को स्वयं रुपए खर्च कर खरीदनी पड़ रही सामग्री, मध्याह्न भोजन बंद हाने की कगार पर

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Self-help groups haven't received funds for four months

भोजन करते हुए विद्यार्थी

बीना. माध्यमिक और प्राथमिक स्कूलों में मध्याह्न भोजन बनाने वाले स्व-सहायता समूहों के लिए चार माह से राशि नहीं आई है, जिससे समूहों को भोजन बनाने में भी परेशानी आ रही है। बार-बार संचालक अधिकारियों से शिकायत कर रहे हैं, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
बच्चों को पोषण आहार उपलब्ध कराने के लिए कक्षा 1 से 8 वीं तक के बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन की व्यवस्था की गई है और इसके लिए महिला स्व-सहायता समूह नियुक्त किए गए हैं, जिन्हें हर माह राशि दी जाती है, लेकिन पिछले चार माह से इन्हें राशि नहीं मिल पाई है। ब्लॉक में 183 स्कूलों में मध्याह्न भोजन वितरित किया जाता है, जिसमें करीब साढ़े तेरह हजार विद्यार्थी दर्ज हैं। दर्ज संख्या के अनुसार 65 प्रतिशत बच्चों के लिए समूहों को राशि और राशन मिलता है। राशि न आने पर समूहों को मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराना मुश्किल हो रहा है। गेहूं, चावल तो सहकारी दुकान से मिल जाते हैं, लेकिन सब्जी, दाल, तेल, मसाला खरीदने के लिए समूह के सदस्यों को ही रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। राशि न आने की शिकायत समूह संचालक बार-बार अधिकारियों से कर रहे हैं, लेकिन अभी तक समस्या हल नहीं हुई है। एक समूह संचालक ने बताया कि राशि न आने से रसोईयों को उनकी मजदूरी नहीं मिल पा रही है और सामग्री भी स्वयं ही खरीदनी पड़ रही है। पिछले चार माह से यह स्थिति बनी हुई है।

गुणवत्तापूर्ण नहीं मिल पाएगा भोजन
समूहों को राशि न मिलने पर बच्चों को गुणवत्तापूर्ण भोजन नहीं मिल पाएगा। जबकि गुणवत्ता को लेकर अधिकारी लगातार निर्देश दे रहे हैं, लेकिन राशि नहीं दी जा रही है। यदि ऐसी ही स्थिति रही, तो समूह खाना बनाना भी बंद कर सकते हैं।

डल गई है दो माह की राशि
दो माह की राशि बुधवार को समूहों के खाते में डल गई है। शेष दो माह की राशि ही शेष रह गई है।
असलम खान, मध्याह्न भोजन प्रभारी, बीना