सागर

स्वर मधुर करने दो माह से पहले से शुरू हो जाती थी रिहर्सल, अब तकनीक का ले रहे फायदा

120 साल पुरानी देवलचौरी की रामलीला में समय के साथ बदलाव, 5 फरवरी को राम जन्म के साथ होगी रामलीला व मेले की शुरूआत सागर. जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर देवलचौरी गांव में बसंत के मौसम में आयोजित होने वाले मेले व रामलीला के मंचन का शुभारंभ 5 फरवरी गुरुवार का होगा। बुंदेलखंड की […]

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Feb 04, 2025
रामलीला की फाइल फोटो

120 साल पुरानी देवलचौरी की रामलीला में समय के साथ बदलाव, 5 फरवरी को राम जन्म के साथ होगी रामलीला व मेले की शुरूआत

सागर. जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर देवलचौरी गांव में बसंत के मौसम में आयोजित होने वाले मेले व रामलीला के मंचन का शुभारंभ 5 फरवरी गुरुवार का होगा। बुंदेलखंड की यह एक मात्र रामलीला है, जिसमें पिछले 120 साल से स्थानीय कलाकार ही अभिनय करते आ रहे हैं और अपने पूर्वजों की परंपरा को जीवित रखे हुए हैं। समय के साथ इस रामलीला में भी बदलाव हुए हैं। पहले जहां पात्रों के स्वरों को मधुर करने करने के लिए जड़ी-बूटियां खिलाई जाती थीं और 2 माह पहले से रिहर्सल होती थी। अब इनकी जगह आयोजकों ने आधुनिक संसाधनों का उपयोग कर इसे सरल बना दिया है।

रामलीला में व्यासगादी संभालने वाले आयोजक तिवारी परिवार के सदस्य मुकुल तिवारी ने बताया कि तकनीक के चलते कई बदलाव हुए हैं। अब पात्रों के चयन के बाद उन्हें तैयार करने में एक सप्ताह का समय लगता है। रामलीला की चौपाई, दोहा, गीत आदि को मधुर बनाने के लिए एडवांस माइक सिस्टम का उपयोग किया जाता है। इससे पात्रों की आवाज तो मधुर होती ही है, इसके अलावा तकनीक से न तो पात्रों के गले पर दबाव पड़ता है, न ही उन्हें जोर से बोलने की जरुरत पड़ती है।

  • आयोजक तिवारी परिवार के अनुसार रामलीला व मेले को लेकर लगभग तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। मंच व पंडाल के साथ मेला परिसर में दुकानों के लिए जगह का भी आवंटन हो गया है। बसंत पंचमी पर सोमवार की रात गांव के राज मंदिर (देव बांके बिहारी मंदिर) में पात्रों का श्रृंगार कर राम-सीता के रूप में आरती की जाएगी। इसके बाद सोमवार को तैयारियों को अंतिम रूप देते हुए मंगलवार को राम जन्म की लीला के मंचन के साथ रामलीला की शुरूआत होगी, जिसके बाद भगवान राम के राज्याभिषेक तक की लीला का मंचन किया जाएगा।
Published on:
04 Feb 2025 07:52 pm
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