क्षेत्रीय विकास नियंत्रण समिति प्रमुख व एसडीएम को नहीं आदेश की जानकारी, कहा पहले नियमानुसार होगी जांच
बीना. बीपीसीएल बीना रिफाइनरी के आसपास पांच किलोमीटर तक के क्षेत्र को नो डेवलपमेंट एरिया घोषित किया गया है, जिसमें एक किलोमीटर निषिद्ध क्षेत्र घोषित है, जहां कोई निर्माण नहीं हो सकता है। इसके बाद भी रिफाइनरी विस्तार में कार्य करने आईं कंपनियों ने बाउंड्रीवॉल के पास बिना अनुमति प्लांट लगा लिए हैं। कंपनियों ने अनुमति के लिए क्षेत्रीय विकास नियंत्रण समिति के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किए थे, जिनपर सहमति नहीं मिली है। इसके बाद तहसीलदार ने प्लांट हटाने के आदेश जारी कर दिए हैं, लेकिन समिति प्रमुख व एसडीएम को आदेश की जानकारी ही नहीं।
पेट्रोकेमिकल प्लांट के लिए निर्माण कंपनियां आने लगी हैं और उन्होंने अपने प्लांट रिफाइनरी की बाउंड्रीवॉल के पास ही लगा लिए हैं। इसके लिए क्षेत्रीय विकास नियंत्रण समिति की अनुमति लेना जरूरी थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। 17 दिसंबर को समिति की बैठक आयोजित हुई थी, जिसमें एसडीएम, तहसीलदार सहित रिफाइनरी के अधिकारी शामिल हुए थे। इस दौरान समिति ने संबंधित 13 कंपनियों के अस्थायी निर्माण के आवेदनों पर अनुमति न देते हुए निरस्त कर दिए हैं। इसके बाद 18 दिसंबर को तहसीलदार ने मेसर्स आइरन ट्रिंगल, मेसर्स आरएसबी कंपनी, मेसर्स एसआरआर, मेसर्स एनपीके इंफ्रा, मेसर्स व्हीआरसी कंस्ट्रक्शन, मेसर्स जतन कंस्ट्रक्शन, रीत कंस्ट्रक्शन कंपनी, वंश कंस्ट्रक्शन सहित विक्रम ङ्क्षबद, विकास सिंह, हरेराम शाह, अमित मलिक, मुकेश कुमार जैन बीना को सूचना पत्र जारी किए हैं। पत्र के माध्यम से नो डेवलपमेंट क्षेत्र में किए गए अवैध निर्माण को 30 दिसंबर तक हटाने के लिए कहा है। यदि निर्माण नहीं हटाया गया, तो 31 दिसंबर को बलपूर्वक कार्रवाई की जाएगी, जिसका व्यय भी वसूल किया जाएगा। साथ ही नए निर्माण पर स्थगन आदेश दिया है।
आदेश की नहीं है जानकारी
इस संबंध में एसडीएम विजय डेहरिया ने बताया कि नो-डेवलपमेंट क्षेत्र में कंपनियों को प्लांट लगाने की अनुमति समिति ने नहीं दी है और प्रस्ताव पर सभी अधिकारियों के हस्ताक्षर होने के बाद तहसीलदार और पुलिस के माध्यम से जांच कराई जाएगी। तहसीलदार ने कंपनियों को हटाने का आदेश जारी किया है इसकी जानकारी नहीं है।
कार्रवाई किस धारा के तहत उल्लेख नहीं
तहसीलदार ने अस्थायी कंपनियों को हटाने के जो पत्र जारी किए गए हैं, उसमें यह उल्लेख नहीं कि किस धारा के तहत कार्रवाई की जा रही है। सिर्फ क्षेत्रीय विकास नियंत्रण समिति का उल्लेख है।
दिए गए हैं आदेश
समिति के निर्णय के बाद संबंधित कंपनियों के संचालक को पत्र भेजकर 30 दिसंबर तक अस्थायी निर्माण हटाने के आदेश दिए गए हैं। इसके बाद प्रशासन अतिक्रमण हटाएगा। कलेक्टर द्वारा नो-डेवलमेंट क्षेत्र घोषित के आदेश के तहत यह कार्रवाई की जा रही है।
अंबर पंथी, तहसीलदार, बीना