एसडीएम लिख चुके हैं पत्र, फिर भी नहीं दी जानकारी कितनी राशि करते हैं खर्च
बीना. उद्योग स्थापित होने पर सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) के तहत क्षेत्र का विकास कराया जाता है, जिससे लोगों को मूलभूत सुविधाओं सहित शिक्षा, स्वास्थ्य आदि का लाभ मिलता है। बीना में स्थित बीपीसीएल रिफाइनरी से भी क्षेत्र के लोगों को बड़ी उम्मीदें हैं, लेकिन हमेशा से ही उपेक्षा के आरोप लगते आ रहे हैं। एसडीएम को भी यह जानकारी नहीं दी जा रही कि सीएसआर पर कितनी राशि खर्च होती है।
शहर विकास को लेकर कई बार प्रस्ताव रिफाइनरी प्रबंधन को दिए गए हैं, जिसमें कुछ कार्य ही किए जाते हैं। पिछले दिनों सीएमओ राहुल कुमार कौरव ने नगर पालिका के फिल्टर प्लांट पर सोलर पैनल लगवाने, कचरा गाड़ी उपलब्ध कराने, रोड साफ करने वाली मशीन, ट्रॉली डस्टबिन के साथ-साथ सामुदायिक भवनों पर सोलर पैनल, ब्रिज पर लगाने के लिए मॉड्यूलर सोलर पैनल, साइन बोर्ड सहित अन्य कार्यों का प्रस्ताव दिया है, जिसपर प्रबंधन ने सिर्फ कुछ डस्टबिन देने के लिए कहा है। इसके पहले भी कई बार प्रस्ताव दिए जा चुके हैं। रिफाइनरी से विकास कार्य न होने से परिषद भी नाराज है और शहर में आने वाले रिफाइनरी के वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने का प्रस्ताव भी रखा है।
सौंदर्यीकरण का भी बनाया था प्रस्ताव
कुछ वर्ष पूर्व शहर के चौराहा, तिराहा, मोतीचूर नदी का सौंदर्यीकरण करने के लिए प्रस्ताव बनाया गया था और रिफाइनरी प्रबंधन के अधिकारियों ने निरीक्षण कर पूरी रिपोर्ट बनाई थी, लेकिन इसके बाद कोई कार्य नहीं हुआ है। जबकि नियमानुसार जिस क्षेत्र में उद्योग लगे हैं, उसका विकास कराना जरूरी है।
लिख चुके हैं पत्र, नहीं दी जानकारी
रिफाइनरी प्रबंधन के अधिकारियों को दो बार पत्र भेजकर सीएसआर के तहत क्षेत्र या जिले में खर्च होने वाली जानकारी मांगी थी, लेकिन प्रबंधन ने कोई जानकारी नहीं दी है। इस संबंध में केन्द्र को जानकारी भेजने की बात कही जाती है।
विजय डेहरिया, एसडीएम, बीना
कराए जा रहे हैं कार्य
सीएसआर राशि के तहत कार्य कराए जा रहे हैं। नियमानुसार जो भी प्रपोजल आते हैं उन्हें स्वीकृत करने भेज दिया जाता है, जिसमें समय लगता है। शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगातार कार्य किए जा रहे हैं। पिछले महीनों में स्वास्थ्य शिविर लगाए गए थे और आगे भी लगेंगे। स्किल डेवलपमेंट के लिए करीब 480 विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। तीन साल में हुए लाभ का दो प्रतिशत सीएसआर राशि के रूप में दिया जाता है। उद्योग संचालित करने में सभी का सहयोग जरूरी है।
केपी मिश्रा, चीफ मैनेजर, बीपीसीएल बीना रिफाइनरी