तिली वार्ड स्थित काली मंदिर बाबा द्वार में इस वर्ष भी प्राचीन परंपरा अनुसार जवारे का विसर्जन किया गया। तिली वार्ड की सार्वजनिक काली कमेटी के कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।
तिली वार्ड स्थित काली मंदिर बाबा द्वार में इस वर्ष भी प्राचीन परंपरा अनुसार जवारे का विसर्जन किया गया। तिली वार्ड की सार्वजनिक काली कमेटी के कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। पूरे शहर में सबसे अधिक जवारे काली मंदिर बाबा द्वार में ही आते हैं। इस बार एक हजार से भी अधिक जवारे दरबार में अर्पित किए गए। यहां पंडा के घर पर जवारे रखे जाते हैं, जहां श्रद्धालु उपवास रखकर दिन-रात उनकी सेवा कर माता की भक्ति में लीन रहते हैं। कार्यक्रम की मुख्य विशेषता कटीला चलने की परंपरा है। इसमें श्रद्धालु अपने दु:ख, संकट माता को समर्पित करते हुए कटीला चलाते हैं। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है। सार्वजनिक काली कमेटी के अध्यक्ष अंकुश चौरसिया ने बताया कि बाबा द्वार दरबार की यह परंपरा नगर की आस्था का प्रतीक है। आने वाली पीढिय़ों तक हमारी संस्कृति को जीवित रखेगी।