13 दिन पहले आया मानसून तो भादो मास में ही फूल आए कांस सागर. इस सीजन 13 दिन पहले मानसून आने और आषाढ़ और सावन में हुई जोरदार बारिश के बाद भादो मास में ही कांस फूलने लगे हैं। कांस के फूलने का एक संकेत यह भी होता है कि अब बारिश की विदाई की […]
13 दिन पहले आया मानसून तो भादो मास में ही फूल आए कांस
सागर. इस सीजन 13 दिन पहले मानसून आने और आषाढ़ और सावन में हुई जोरदार बारिश के बाद भादो मास में ही कांस फूलने लगे हैं। कांस के फूलने का एक संकेत यह भी होता है कि अब बारिश की विदाई की बेला आ गई है। रामचरित मानस में इसके लिए लिखा गया है कि बरषा बिगत सरद रितु आई, लक्ष्मण देखहु परम सुहाई। फूले कांस सकल महि छाई, जनु बरसा कृत प्रकट बुढ़ाई। अर्थात बारिश के बाद शरद ऋतु का आगमन हो गया है और मौसम सुहाना होने लगा है। कांस फूलने के बाद अब किसान भी यही अंदाजा लगा रहे हैं कि अब बारिश नहीं होगी।