शहर की जनता को नहीं मिल रहा पर्याप्त पानी, जिम्मेदार नहीं दे पा रहे ठोस जवाब
सतना। शहरवासियों को 24 घंटे पानी देने का नगर निगम का वादा अधूरा रह गया। जिम्मेदार वादे के विपरीत 2 बार भी पानी नहीं दे पाए। दरअसल, 2011-12 में शहर को 24 घंटे पानी उपलब्ध कराने के लिए जलावर्धन योजना तैयार की गई। 100 करोड़ रुपए के भारी भरकम इस प्रोजेक्ट को लेकर कहा गया कि जब यह योजना क्रियान्वयन की स्थिति पर पहुंचेगी तब शहरवासियों जब मन पड़ेगा तब वे नगर निगम की सप्लाई पाइप से पानी ले सकेंगे। आज 12 साल बाद भी 24 घंटे तो दूर दिन में दो बार शहर वासियों को पानी नहीं मिल पा रहा है। इतना ही नहीं निगम की पानी सप्लाई लाइन के टेल प्वाइंट (अंतिम छोर) पर तो एक टाइम भी पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है। ऐसा क्यों हो रहा है? इस पर निगम के अधिकारियों के पास कोई ठोस जवाब नहीं है। ऐसा क्या किया जाए कि 24 घंटे पानी मिलने लगे? इसका भी कोई प्लान उनके पास नहीं है। महापौर यह जरूर कहते हैं कि हम नए एनीकट का प्लान कर चुके हैं और इसके क्रियान्वयन के बाद 24 घंटे की तो नहीं कह सकते हैं लेकिन दिन में दो बार पानी जरूर शहर वासियों को आसानी से दे सकेंगे।
स्मार्ट सिटी का पहला उद्देश्य ही फेल
भारत सरकार ने स्मार्ट सिटी के रूप में सतना शहर का चयन किया। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत शहर में जो 10 कोर बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवानी थीं, उसमें सबसे पहला बिन्दु ही पर्याप्त पानी की आपूर्ति है। लेकिन स्मार्ट सिटी मिशन समाप्ति के अंतिम दौर में भी शहर पानी की समस्या से जूझ रहा है। वह भी तब जब 12 साल पहले 100 करोड़ रुपए सिर्फ इसी काम के लिए खर्च कर दिए गए। इतना ही नहीं इस 100 करोड़ को भी कम बताया गया और फिर अतिरिक्त 35 करोड़ का प्रोजेक्ट बनाया गया, लेकिन हाल यह है कि सभी शहर वासियों को एक टाइम भी पर्याप्त पानी मुहैया नहीं हो पा रहा है।
यह था 100 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट
2011-12 में महापौर पुष्कर सिंह के कार्यकाल में जलावर्धन योजना का 100 करोड़ का प्रोेजेक्ट सामने रखा गया। उसमें बताया गया कि सातों दिन 24 घंटे दो मंजिल तक शहरवासी को पानी उपलब्ध होगा। यह भी कहा गया कि यह प्रोजेक्ट कुछ साल के लिए नहीं बल्कि 2030 के हिसाब से बनाया जा रहा है। अर्थात यह प्रोजेक्ट 2030 में शहर की जनता की आबादी की पेयजल आवश्यकता को पूरा करने में सफल होगा। इस प्रोजेक्ट से रेलवे लाइन के पश्चिम हिस्से में जहां पाइप लाइन नहीं थी वहां और अन्य गैप वाले स्थलों पर 240 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन बिछाना, 8 टंकियां, 40 एमएलडी का फिल्टर प्लांट, एक विद्युत सब स्टेशन और इंटकवेल का निर्माण करना था।
मिशन अमृत से भी लिए 38 करोड़
जल आवर्धन योजना प्रारंभ होती, इससे पहले निगम की एक थ्यौरी और सामने आई कि जलावर्धन प्रोजेक्ट से जिस क्षमता से पानी छोड़ा जाएगा उसे पुरानी शहर की पाइप लाइन नहीं झेल पाएंगी। लिहाजा शहर की मौजूदा पाइप लाइन भी बदलनी होंगी। तब अमृत मिशन के तहत शहर की पुरानी पाइप लाइन हटाने और कुछ छूटे हिस्से में नई पाइप लाइन बिछाने के लिए 38 करोड़ का प्रोजेक्ट तैयार किया गया। इसके तहत शहर में 387 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाई गई। लेकिन इसके बाद भी शहर को 24 घंटे तो दूर 2 टाइम पानी नहीं मिल पा रहा है।
अफसरों के पास स्पष्ट जवाब नहीं
जल कार्य प्रभारी आरपी सिंह से बात की गई तो उन्होंने प्रोजेक्ट तो पूरा बता दिया, लेकिन 24 घंटे पानी न दे पाने की वास्तविक वजह नहीं बता सके। उनका जवाब था कि लोग मोटर लगा कर पानी निकालते हैं इसलिए टेल तक पानी नहीं जा पाता है। पूछा गया कि अगर पर्याप्त प्रेशर में पानी आएगा तो क्यों कोई मोटर लगाएगा तो इसका भी जवाब नहीं था। शुरुआती घरों में जो टंकी के पास हैं वहां पर्याप्त प्रेशर होता है वहां भी पानी 24 घंटे नहीं मिल पाता है। इस पर उन्होंने पानी के अपव्यय की कहानी बताई। कहा कि योजना में हर कनेक्शन पर मीटर लगाना था। मीटर लगाने से लोग पानी का दुरुपयोग नहीं करते, जिससे पानी पर्याप्त होता तो टेल तक पानी जाता तब पर्याप्त पानी रहता और लगातार पानी दे सकते थे। इस पर सवाल रहा कि मीटर लगाना किसकी जिम्मेदारी थी इस पर निगम की जिम्मेदारी बताए। लेकिन ऐसा क्यों नहीं किया गया तो इस पर कोई जवाब नहीं था। हालांकि ये कोई ऐसा कारण नहीं थे जिससे यह साबित हो कि 24 घंटे पानी दे पाने की यह पर्याप्त वजह है।
टंकियां कम होना है बड़ी वजह
हालांकि जल कार्य प्रभारी ने कुछ वजहें बताईं जो जलापूर्ति में बाधा का एक बड़ा कारण है। मसलन नई बस्ती जो पानी की टंकी है उससे वार्ड 13, 14, 15, 17, 18 में पानी सप्लाई होता है। इस टंकी की क्षमता से ज्यादा कनेक्शन हैं लिहाजा इसे 4 बार भरना पड़ता है। इससे अन्य टंकियों को पर्याप्त समय नहीं मिल पाता है। इसी तरह से विश्वास राव सब्जी मंडी के पास एक टंकी है। पूरे बाजार क्षेत्र को क्रास कर इससे नजीराबाद तक पानी ले जाया जाता है। इतने बड़े इलाके से गुजरने वाली पाइप लाइन शहर के दूसरे क्षेत्र नजीराबाद तक पानी पहुंचाने में असफल है। लिहाजा ऐसे में कुछ और टंकिया बनने के बाद पानी सप्लाई आसान होगी।
नया एनीकट कम करेगा समस्या
महापौर योगेश ताम्रकार ने स्वीकार किया कि अभी दो टाइम पानी नहीं दे पा रहे हैं। लेकिन जिगनहट के पास नया एनीकट और फिल्टर प्लांट बनाने जा रहे हैं। इसके बनने के बाद शहर को जरूर दो टाइम पानी मिल पाएगा। लेकिन 24 घंटे पानी दे पाने का दावा वे इसके बाद भी नहीं कर सके। उनके पास इसका भी जवाब नहीं था कि आखिर 138 करोड़ खर्च करके 2030 तक के लिए तैयार की गई जलावर्धन योजना से आखिर क्यों 24 घंटे पानी नहीं मिल पा रहा है। यह भी कहा कि कई पुरानी मोटर बदल कर नई मोटर लगाने की स्वीकृति भी हो गई है। इससे भी समस्या का कुछ समाधान निकलेगा।
प्रोजेक्ट की समीक्षा होगी
मामले में निगमायुक्त शेर सिंह मीना से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट की वे स्वयं समीक्षा करेंगे। देखेंगे कि आखिर प्रोजेक्ट डिजाइन में गड़बड़ी थी या फिर क्रियान्वयन में कमी रह गई। इसके बाद ही कुछ कह सकेंगे। लेकिन जो भी उस गैप को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।
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