प्रधानमंत्री ई-बस सेवा के तहत दी जाएंगी बसें, जल्द शुरू होगा डिपो और चार्जिंग स्टेशन का काम
सतना। भारत सरकार की 'प्रधानमंत्री ई-बस सेवा' योजना के तहत सतना शहर को 20 इलेक्ट्रिक बसें मिलेंगी। इसकी स्वीकृति भारत सरकार के आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने जारी कर दी है। इसकी जानकारी स्मार्ट सिटी की बोर्ड बैठक में निगमायुक्त शेर सिंह मीना ने कलेक्टर और चेयरमैन डॉ. सतीश कुमार एस को दी। निगमायुक्त ने बताया कि बड़े शहरों में इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन और सागर को पहले ही इन बसों की स्वीकृति मिल चुकी है। छोटे शहरों में इस बार सिर्फ सतना और देवास को ही यह मौका मिला है। रीवा और कटनी ने भी प्रस्ताव भेजा था, लेकिन उन्हें फिलहाल स्वीकृति नहीं मिली है।
तैयारी शुरू करने के निर्देश
भारत सरकार ने सतना स्मार्ट सिटी प्रबंधन को इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत सबसे पहले स्मार्ट सिटी प्रबंधन को इन बसों के लिए डिपो का स्थल चुनना होगा। स्थल चयन के बाद भारत सरकार के तकनीकी विशेषज्ञ यहां आकर चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू करेंगे। एक बार चार्जिंग स्टेशन तैयार हो जाने के बाद ये बसें शहर को सौंप दी जाएंगी। इससे सार्वजनिक परिवहन में एक बड़ा बदलाव आएगा।
आम बसों से कम होगा किराया
इन बसों का संचालन ग्रीन सेल मोबिलिटी प्रा.लिमि. द्वारा ग्लोबल कैपेबिल्टी सेंटर मॉडल के तहत किया जाएगा। हालांकि इसमें अभी कुछ स्पष्ट दिशा निर्देश भारत सरकार के पृथक से प्राप्त नहीं हुए हैं। यह भी बताया गया कि इन बसों के किराए का निर्धारण स्थानीय स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा आरटीओ की सहमति के आधार पर किया जाएगा। बैठक में जानकारी दी गई कि कोशिश होगी कि इन बसों का संचालन शहर से लगे ज्यादातर कस्बों तक किया जाएगा जिसमें कोठी, जैतवारा, उचेहरा जैसे कस्बे शामिल होंगे। इन बसों का संचालन शहर से 30 किमी की दूरी तक ही किया जाएगा। यह जानकारी सामने आई है कि अधोसंरचना निर्माण के लिए भी केंद्र सरकार द्वारा 100 फीसदी राशि प्रदान की जाएगी।
"सतना को 20 इलेक्ट्रिक बसों की स्वीकृति मिल गई है। आगे की प्रक्रिया हम शीघ्र प्रारंभ करने जा रहे हैं।" - शेर सिंह मीणा, निगमायुक्त