VIT College News Update: सीहोर जिले में स्थित VIT कॉलेज में हुए हंगामे और हिंसा के पीछे अब चौंकाने वाला खुलासा, 24 नवंबर को हो चुकी थी 19 साल की नेहा की मौत... पीलिया के गंभीर लक्षणों के बाद 10 दिन तक ICU में लड़ रही थी जिंदगी और मौत से जंग...
VIT College News Update: मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में स्थित VIT कॉलेज में हुए हंगामे और हिंसा के पीछे अब चौंकाने वाला मामला सामने आया है, कॉलेज प्रशासन ने जिस घटना को भ्रामक जानकारी बताया। वहीं मामला अब नए मोड़ पर आ गया है। दरअसल अब सूत्रों के हवाले से जानकारी मिल रही है कि पीलिया के गंभीर लक्षणों से जूझ रही एक 19 साल की छात्रा की मौत हुई है। छात्रा की मौत की खबर ने मामले को नया मोड़ दे दिया है... वहीं प्रशासन पर कई गंभीर सवाल भी खड़े कर दिए हैं।
जानकारी सामने आ रही है कि VIT College की 19 साल की छात्रा नेहा 10 दिन तक अस्पताल में थी। आईसीयू में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही थी। 24 नवंबर को नेहा ये जंग हार गई। नेहा की मौत की किसी भी स्टूडेंट को खबर नहीं लगी। लेकिन पहले से ही नाराज स्टूडेंट्स का गुस्सा एक दिन फूटना ही था और जब फूटा तो ऐसा फूटा कि उन्होंने मंगलवार 25 नवंबर की देर रात और फिर 26 नवंबर बुधवार को कॉलेज में हंगामा मचा दिया। खाना-पानी और हाईजीन को लेकर शुरू हुआ छात्रों का प्रदर्शन प्रशासन के एक 'चांटे' पर हिंसा में बदल गया। उग्र आंदोलन पर उतरे स्टूडेंट्स ने आगजनी की घटना को अंजाम दिया। चांसलर के बंगले के एक हिस्से में जमकर तोड़फोड़ भी की।
स्टूडेंट्स का आरोप है कि VIT College प्रशासन से मैस में मिलने वाले भोजन-पानी और हाईजीन को लेकर कई बार शिकायत की थी, लेकिन हर बार प्रशासन ने इसे नजरअंदाज कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि कई स्टूडेंट्स को पीलिया हो गया। उनमें से तीन स्टूडेंट्स की पिछले महीने मौत हुई है।
इस मामले में जब पत्रिका ने VIT College प्रशासन से बात की तो रजिस्ट्रार केके नायर का कहना था कि तीन स्टूडेंट्स की मौत का मामला असल में भ्रामक जानकारी है, जिसे मीडिया फैला रहा है। उन्होंने अपील भी की कि इस तरह की भ्रामक जानकारी न फैलाएं। उनका कहना था कि हां कुछ बच्चों में पीलिया के लक्षण पाए गए थे, लेकिन सभी की स्थिति में अब सुधार है। लेकिन अब सवाल ये है कि अगर छात्रा की मौत हुई थी तो रजिस्ट्रार ने इसे क्यों छिपाया? जबकि उसकी मौत 24 नवंबर को ही हो चुकी थी।
मामले में स्टूडेंट्स का कहना है कि कॉलेज ने जानबूझकर मौत की खबर दबाई। ताकि विरोध न भड़के। इसी बीच परिवार की बात भी सामने आई है कि परिवार का साफ कहना है कि नेहा को हॉस्टल में लगातार खराब भोजन और अस्वच्छ माहौल मिल रहा था, जिसकी वजह से उसकी तबीयत बिगड़ी और अब मौत हो गई।
- पानी पीने लायक नहीं है, खाना कई बार कच्चा मिलता है
- हॉस्टल के वॉटर कूलर और RO यूनिट से गंदी बदबू आती है
- टॉयलेट और वॉशरूम की साफ-सफाई अच्छे से और समय-समय पर नहीं की जाती।
- पिछले एक महीने से स्थिति बदतर हो रही थी लेकिन शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं हुई।
मामले में पुलिस का कहना है कि मंगलवार को लगभग 2-3 हजार छात्र एकत्रित हुए और वीआईटी की संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचाया। छात्रों ने परिसर में बसों, कारों और अन्य संपत्तियों में आग लगाई और तोड़फोड़ की। एक बस और तीन कारें पूरी तरह जल गईं, जबकि एक कार, तीन बसें, एक इलेक्ट्रिक ऑटो और एक इलेक्ट्रिक बग्गी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई है।
स्टूडेंट्स ने बॉयज हॉस्टल (1 से 7), गर्ल्स हॉस्टल (1 और 2), चांसलर रेजिडेंसी हाउस, मल्टीपर्पस हॉल, लैब कॉम्प्लेक्स, सर्वेलेंस बिल्डिंग और एकेडमिक ब्लॉक-2 में तोड़फोड़ और आगजनी की घटना को अंजाम दिया है। परिसर में मौजूद शिक्षकों और कर्मचारियों के वाहन भी क्षतिग्रस्त किए गए हैं।
घटना की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर बालागुरू K और एसपी दीपक कुमार शुक्ला ने कॉलेज पहुंचकर प्रबंधन और संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक ली। उन्होंने घटना के मूल कारणों की जानकारी ली और स्थिति का जायजा लिया।
कलेक्टर ने निर्देश भी दिए। निर्देश पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने कॉलेज के सभी बोरवेल, अंडरग्राउंड टैंक और वाटर कूलर से पेयजल के सैंपल कलेक्ट किए। सैंपल जिला जल प्रयोगशाला भेजे गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद नियमानुसार कार्रवाई करने की तैयारी है। इसके अलावा पीएचई और खाद्य सुरक्षा विभाग को भोजन और पेयजल के सैंपल लेकर शीघ्र जांच करने और आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
कलेक्टर और एसपी ने अधिकारियों और स्कूल प्रबंधन को निर्देश दिए कि छात्रों की शिकायतों का त्वरित, पारदर्शी और स्थायी समाधान सुनिश्चित किया जाए। बीएमओ और मेडिकल टीम को परिसर में सतत तैनात रखा गया है ताकि छात्रों के स्वास्थ्य परीक्षण और प्राथमिक उपचार की व्यवस्था बनी रहे। एसडीएम और एसडीओपी को कॉलेज प्रबंधन को सुधारात्मक निर्देश लिखित रूप में जारी करने और भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के ठोस कदम उठाने के निर्देश भी दिए गए हैं।