Demand to make Sendhwa a district आयोग की सिफारिशों के आधार पर ही प्रदेश में नए जिले, संभाग या तहसीलें गठित की जाएंगी।
मध्यप्रदेश में नए जिलों की मांग तेज होती जा रही है। नए संभागों, जिलों के गठन के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित परिसीमन आयोग इन मांगों और दावों की पड़ताल करने में लगा है। आयोग की सिफारिशों के आधार पर ही प्रदेश में नए जिले, संभाग या तहसीलें गठित की जाएंगी। नए जिलों की सूची में सेंधवा का नाम भी जुड़ गया है। राज्य सरकार द्वारा यहां नर्मदा के पानी से सिंचाई की सौगात देने के बाद अब बीजेपी नेता और विधायक सीएम के समक्ष जिला बनाने की मांग रखनेवाले हैं।
11 जनवरी को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सेंधवा में सेंधवा व निवाली माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना की आधारशिला रख कर बड़ी सौगात दे रहे हैं। इस मौके पर भाजपा नेता और जनप्रतिनिधि द्वारा सेंधवा को जिला बनाने के लिए भी सीएम से मांग की जाएगी। सेंधवा को जिला बनाने के साथ ही वरला को स्वतंत्र विधानसभा बनाने का भी मुद्दा सामने आया है।
सेंधवा को जिला बनाने की मांग लंबे समय से चल रही है। इस संबंध में पूर्व में पानसेमल विधायक श्याम बर्डे ने भी पहल की थी। उन्होंने सेंधवा को जिला बनाने की इच्छा जताई वहीं भाजपा जिला उपाध्यक्ष विकास आर्य भी सेंधवा को जिला बनाने की मांग कर चुके हैं।
प्रस्तावित सेंधवा जिले में सेंधवा व पानसेमल विधानसभा को जोड़ने की बात कही जा रही है। जिस सेंधवा विकासखंड को जिला का आकार देने की मांग की जा रही है उसमें 114 ग्राम पंचायतें हैं।
सेंधवा को जिला बनाने की मांग के संबंध में नपा जनसंपर्क कार्यालय पर भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक आयोजित की गई।
भाजपा प्रवक्ता सुनील अग्रवाल ने बताया कि बैठक में सीएम के समक्ष सेंधवा को जिला बनाने की मांग करने पर सहमति बनी।
अभी सेंधवा तहसील मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले की एक तहसील है। सेंधवा शहर इसका मुख्यालय है। सेंधवा बड़वानी जिले की सबसे बड़ी और सबसे ज्यादा राजस्व देने वाली तहसील है। सेंधवा विकासखंड में 114 ग्राम पंचायतें शामिल हैं।