अनुविभागीय अधिकारी के आदेश पर हुई कार्रवाई
सिवनी. जिले में खेती की जमीन पर अवैध कॉलोनी बसाने का धंधा जोरों से फल-फूल रहा है। कृषि भूमि को अवैध कॉलोनी के रूप में परिवर्तित कर बिना टीएनसी नक्शा पास कराए लोगों को प्लाटिंग कर बेच दी जा रही है। हालांकि इस मामले में प्रशासन ने बड़ा एक्शन लेते हुए जांच के बाद 12 अवैध कॉलोनाइजर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। इसमें से 9 कॉलोनाइजर पर डूंडासिवनी थाना में धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है। आरोपी काफी समय से बिना शासन की अनुमति और टीएनसी नक्शा पास कराए बींझावाड़ा, पलारी, डोरली छतरपुर में अवैध कॉलोनी विकसित कर प्लॉट बेच रहे थे। आरोपी मुस्तफा खान, सलिमुन्निसा बेगम, इनामउल्ला खान, मुस्तफा खान, आरिफ खान, विनोद खुशानी एवं संजय पुसानी, अशफाक अली, ब्रिजेश चौहान एवं चट्टानसिंह कटरे पर एसडीएम के आदेश पर डूंडासिवनी थाना में एफआईआर दर्ज की गई है। शेष पर अन्य थाना में जल्द ही एफआईआर दर्ज करने की बात कही गई है।
बुनियादी सुविधाओं के नियमों का उल्लंघन
बिना टीएनसी(तकनीकी रूप से अधिसूचित कॉलोनी) के कॉलोनी काटना कानूनी रूप से अपराध है। इसमें जमीन के नियमों पेयजल, सीवेज और अन्य बुनियादी सुविधाओं के नियमों का उल्लंघन होता है, जिससे खरीदार ठगे जाते हैं।
जमीन खरीदने से पहले करनी चाहिए जांच
जिले में कई लोग सस्ते जमीन के लालच में अवैध कॉलोनाइजर के बहकावे में आ जाते हैं। जानकारों का कहना है कि जमीन खरीदने से पहले मालिकाना हक(टाइटल), पिछले 30 साल के रिकॉर्ड, बिक्री विलेख, टाइटल डीड और इनकम्ब्रेंस सर्टिफिकेट(कोई कर्जं या केस नहीं) की जांच करनी चाहिए। इसमें खसरा-खतौनी, भूमि का नक्शा देखें, जमीन का इस्तेमाल और स्थानीय नियमों की पुष्टि करें। इसके अलावा फिजिकल बाउंड्री, रास्ते और आस-पास के इंफ्रास्ट्रक्चर की जांच करना बेहद जरूरी है ताकि धोखाधड़ी से बच सकें और विवादों से दूर रह सकें। यह भी देखें कि टीएनसी से नक्सा पास कराया गया है कि नहीं।