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‘चहेतों के चक्कर’ में अटकी शिक्षकों की तरक्की

सीकर. स्कूल शिक्षा विभाग में पदोन्नत प्राचार्य साढे तीन महीने से पदस्थापन के इंतजार में हैं। काउंसलिंग की दो बार तिथि जारी होने के बाद भी उनका इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।

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Sep 03, 2025
’चहेतों के चक्कर’ में अटकी शिक्षकों की तरक्की

सीकर. स्कूल शिक्षा विभाग में पदोन्नत प्राचार्य साढे तीन महीने से पदस्थापन के इंतजार में हैं। काउंसलिंग की दो बार तिथि जारी होने के बाद भी उनका इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। इसकी वजह प्रिंसिपल की तबादला सूची बताई जा रही है, जिसके जरिये सरकार द्वारा पहले अपने चहेतों को इच्छित पदस्थापन का लाभ देकर बाद में पदोन्नत प्राचार्यों को पदस्थापित करने की चर्चा है। हाल ही में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा के सोशल मीडिया पर तबादला सूची जल्द जारी होने के बयान के बाद ये मामला ज्यादा तूल पकड़ गया है। इसके चलते ही तबादला सूची में भी देरी होने की बात सामने आ रही है। इससे प्रधानाचार्यों में बैचेनी है। इधर इसके चलते स्कूलों में व्यवस्था प्रभावित हो रही है।

मई में हुई था पदस्थापन

शिक्षा विभाग ने मई महीने में प्राचार्य पद की सत्र 2024—25 की बकाया पदोन्नति की थी। इस दौरान 4200 उप प्राचार्यों को प्राचार्य पद पर पदोन्नत किया था। इनकी काउंसलिंग की तिथि भी जारी कर दी गई थी। पर उसे स्थगित कर दिया गया। फिर दुबारा ये तिथि 25 अगस्त की जारी हुई। पर प्राचार्य व व्यायाताओं की तबादला सूची जारी होने की चर्चाओं के बीच ये फिर स्थगित हो गई।

5428 स्कूलों में मुखिया नहीं, कहीं हुए दो- तीन

काउंसलिंग नहीं होने से शिक्षा विभाग में विचित्र हालात हो गए हैं। प्रदेश में एक तरफ 5428 सरकारी स्कूलों में प्राचार्य नहीं है तो दूसरी और पदोन्नत प्राचार्य अपनी मौजूदा स्कूल में ही नियुक्त है। इससे जहां एक तरफ एक ही स्कूल में दो से तीन प्राचार्य हो गए हैं तो दूसरी और हजारों स्कूल बिना मुखिया के संचालित हो रही है। उधर, प्रिंसिपल की काउंसलिंग नहीं होने से अन्य निचले संवर्गो की डीपीसी भी उससे प्रभावित हो रही है।

पीसीसी अध्यक्ष डोटासरा ने उठाया मुद्दा


प्राचार्य व व्यायाताओं की तबादला सूची जारी होने की चर्चा के बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा ने भी इस संबंध में बयान दिया था। इसमें उन्होंने तंज भरे लहजे में ये सूची जल्द जारी होने की बात कही थी। इसके बाद न तो तबादला सूची जारी की गई और ना ही काउंसलिंग की कोई नहीं तिथि घोषित की गई। इसको लेकर काफी चर्चा रही थी।

अब विधानसभा सत्र में होना मुश्किल

अब प्रदेश में विधानसभा सत्र शुरू हो गया है। ऐसे में प्राचार्य व व्यायाताओं की तबादला सूची जारी होने की संभावना कम ही नजर आ रही है। इससे प्राचार्य की काउंसलिंग भी इस दौरान अटकी रहना तय माना जा रहा है। इसके चलते इस संवर्ग के लोगों में सरकार के प्रति नाराजगी है।

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