प्रदेश की सरकारी स्कूलों में मिड-डे-मील का मेन्यू अब दीवारों पर लिखा मिलेगा।
सीकर. प्रदेश की सरकारी स्कूलों में मिड-डे-मील का मेन्यू अब दीवारों पर लिखा मिलेगा। उसमें बच्चों को वार के हिसाब से मिलने वाले भोजन की पूरी जानकारी होगी। कक्षावार भोजन की मात्रा के साथ पकाने की राशि भी अंकित होगी। इस संबंध में मिड डे मील योजना के उपायुक्त आशीष व्यास ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को सरकारी स्कूलों में वॉल पेंटिंग करवाने के निर्देश दिए हैं। पोषाहार के लिए मांओं को भी अनिवार्य रूप से अतिथि रूप में बुलाने को कहा है।
सरकारी स्कूलों को ये वॉल पेंटिंग तीन दिन में ही करनी होगी। इस संबंध में जिला शिक्षा विभाग ने सभी सीबीईओ व संस्था प्रधानों को वॅल पेंटिंग के नमूने के साथ निर्देश जारी किए हैं। सभी स्कूलों में वॉल पेंटिग होने का प्रमाण पत्र भी सीबीईओ से मांगा गया है।
भोजन की गुणवत्ता व विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए स्कूलों में बच्चों की मांओं को अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाएगा। उन्हें पहले भोजन चखाया जाएगा फिर उनके हाथ से ही पुरसगारी करवाई जाएगी। उप आयुक्त के निर्देशों के अनुसार मांओं के साथ शिक्षक भी भोजन चखेंगे।इसलिए कवायदस्कूलों में मिड-डे-मील के मैन्यू की वॉल पेंटिंग से बच्चों व अभिभावकों को ये जानकारी रहेगी कि उन्हें भोजन में किस दिन क्या खिलाया जाएगा। इसके अलावा मांओं के चखने व भोजन परोसने से मिड-डे-मील के प्रति विश्वसनीयता व बच्चों में आत्मीयता का भाव भी बढ़ेगा। पोषाहार को शिक्षकों व अभिभावकों द्वारा चखने की कवायद पहले भी की गई थी। पर इस बार विभाग का जोर अतिथि मांओं को आमंत्रित करने पर है।
मिड-डे-मील में बच्चों को सोमवार, बुधवार, शुक्रवार व शनिवार को रोटी, दाल व सब्जी परोसी जाएगी। मंगलवार को चांवल, दाल व सब्जी तथा गुरुवार को दाल, चांवल व सब्जीयुक्त खिचड़ी का भोजन करवाया जाएगा। सप्ताह में किसी भी एक दिन स्थानीय मांग के अनुसार भोजन उपलब्ध करवाया जा सकेगा। इस भोजन में पांचवी कक्षा तक के लिए 450 कैलोरी व 12 ग्राम प्रोटीन तथा कक्षा 6 से 8 के लिए 700 कैलोरी व 20 ग्राम प्रोटीन कम से कम होना जरूरी होगा। सप्ताह में एक दिन बच्चों को फल देना भी अनिवार्य होगा। पांचवी तक के बच्चों को 150 व आठवीं तक के विद्यार्थियों को रोजाना 200 एमएल तैयार दूध भी दिया जाएगा।
सरकारी स्कूलों में मिड-डे-मील के मैन्यू की वॉल पेंटिंग करवाने के निर्देश मिले हैं। इस संबंध में सभी संस्था प्रधानों व सीबीईओ को पत्र भेजकर तीन दिन में ये कार्यवाही करने को कहा गया है। सीबीईओ से कार्य का प्रमाण पत्र भी मांगा गया है।घीसाराम भूरिया, एडीईओ, सीकर(प्रा.शि.)