एक नए क्लाइमेट मॉडल अध्ययन के अनुसार, एल नीनो आने वाले समय में और ज्यादा मजबूत और नियमित हो सकता है। यह प्रशांत महासागर की एक जलवायु घटना है, जो दुनिया भर के मौसम को प्रभावित करती है। यदि इसकी प्रकृति बदलती है, तो इसका असर लगभग पूरे ग्रह पर पड़ेगा।
जयपुर। एक नए क्लाइमेट मॉडल अध्ययन के अनुसार, एल नीनो आने वाले समय में और ज्यादा मजबूत और नियमित हो सकता है। यह प्रशांत महासागर की एक जलवायु घटना है, जो दुनिया भर के मौसम को प्रभावित करती है। यदि इसकी प्रकृति बदलती है, तो इसका असर लगभग पूरे ग्रह पर पड़ेगा। अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की एक टीम ने यह समझने के लिए उन्नत जलवायु मॉडल का उपयोग किया कि 21वीं सदी में अधिक ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन का उष्णकटिबंधीय प्रशांत क्षेत्र पर क्या असर होगा।
मॉडल में देखा गया कि:
यह अध्ययन नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल में प्रकाशित हुआ है।