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हाथी अलर्ट सिस्टम : सोशल मीडिया गु्रप के जरिए वन विभाग का हाइटेक मॉनिटरिंग सिस्टम

हाथियों का मूवमेंट बढ़ते ही बिजली करा दी जाती है बंद, ट्रेनों की स्पीड भी होती है कम

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Mar 02, 2025

विद्युत व रेलवे के अधिकारी भी जुड़े, हाथियों का मूवमेंट होते ही कर देते हैं अलर्ट
संजय टाइगर रिजर्व के बफर जोन से निकलकर सामान्य वनमंडल में हाथियों का डेरा
शहडोल. उत्तर वनमंडल के ब्योहारी वन परिक्षेत्र व संजय टाइगर रिजर्व के ब्योहारी बफर क्षेत्र में जंगली हाथियों का मूवमेंट बना रहता है। नवंबर माह में संजय टाइगर रिजर्व की सीमा से होते हुए ब्योहारी पहुंचा हाथियों का झुंड अभी भी इसी क्षेत्र में डटा हुआ है। इन हाथियों के प्रबंधन में वन विभाग सोशल मीडिया भी काफी कारगर साबित हो रहा है। वन विभाग ने सोशल मीडिया ग्रुप बनाकर विद्युत व रेलवे विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को भी इसमें एड कर रखा है। रिहायसी क्षेत्र या फिर रेलवे लाइन की ओर हाथियों का मूवमेंट होते ही वन अमला सोशल मीडिया ग्रुप में इसकी जानकारी शेयर कर देता है। मैसेज शेयर होते ही विद्युत विभाग संबंधित फीडर से विद्युत सप्लाई बंद कर देता हैं, वहीं रेल प्रबंधन भी समुचित व्यवस्था बनाने में जुट जाता है, जिससे हाथियों को किसी भी प्रकार का नुकसान न हो।

पूरी रात बंद करनी पड़ती है बिजली
हाथियों की वजह से ग्रामीणों को जहां जान माल का खतरा बना रहता है, वहीं विद्युत आपूर्ति की समस्या का भी सामना करना पड़ता है। हाथियों के ग्रामीण क्षेत्रों की ओर रुख करते ही संबंधित क्षेत्र के फीडर से लाइन बंद करा दी जाती है। इसके बाद जब तक हाथी उस क्षेत्र से निकल नहीं जाते तब तक विद्युत आपूर्ति बहाल नहीं होती है। ऐसे में कई बार ग्रामीणों को पूरी रात अंधेरे में गुजारनी पड़ती है। इसे लेकर ग्रामीणों ने विरोध भी दर्ज कराया था।

इन क्षेत्रों में रहता है ज्यादा मूवमेंट
बांधवगढ़ व संजय टाइगर रिजर्व के बीच कॉरीडोर होने की वजह से हाथियों का मूवमेंट ब्योहारी क्षेत्र में ज्यादा रहता है। सामान्य वनमंडल की बात की जाए तो पपौंध क्षेत्र, तिखवा, गाजर, कोठिया, बेडरा, नौढिय़ा, उफरी, जमुनिया, बुड़वा, सरवाही, बलहरा क्षेत्र में हाथी बने रहते हैं। वहीं संजय टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र से लगे शहडोल के बोचरो, भमरहा, जमुड़ी व खरगढ़ी बीट अंतर्गत आने वाले गांवों में हाथी मूवमेंट करते हैं।

धीमी हो जाती है रफ्तार, चार बार बनी स्थिति
विद्युत सप्लाई बंद कराने की स्थिति तो आए दिन बनती है, लेकिन कभी-कभी ट्रेनों की रफ्तार भी धीमी करानी पड़ती है। पिछले नवंबर माह में चार बार संबंधित स्टेशन मास्टर की मदद लेनी पडी। उल्लेखनीय है कि 1 नवंबर से 26 नवंबर के बीच हाथियों का मूवमेंट ब्योहारी बफर जोन में बना रहा है। इस दौरान चार बार ऐसी स्थिति बनी कि रेलवे प्रबंधन को मैसेज कर ट्रेनों की रफ्तार धीमी करानी पड़ी। सोशल मीडिया ग्रुप में मैसेज मिलने के साथ ही स्टेशन मास्टर कॉसन लगाकर ट्रेन व मालगाड़ी संबंधित क्षेत्र से आराम से गुजारते हैं। साथ ही संबंधित क्षेत्र से निकलते समय हार्न बजाते हुए चलती हैं।

ट्रैकिंग टीम करती है अलर्ट
हाथियों के मूवमेंट की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम इनकी निगरानी में जुट जाती है। हाथी वन क्षेत्र छोंडकऱ गांव की ओर रुख करते हैं या फिर रेलवे लाइन की ओर बढ़ते हैं तो यह ट्रैकिंग टीम तुरंत इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को देती हैं। इसके बाद वरिष्ठ अधिकारी सोशल मीडिया ग्रुप में एलर्ट मैसेज भेज देते हैं। मैसेज मिलते ही संबंधित क्षेत्र से गुजरने वाली 11 केव्ही की लाइन बंद कर दी जाती है।
इनका कहना है
विद्युत विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को ग्रुप से जोड़ रखा है। हाथियों के मूवमेंट की सूचना मिलते ही ग्रुप में मैसेज कर संबंधित फीडर की लाइट बंद करा देते हैं। हाथियों के निकलने के बाद फिर मैसेज करते हैं, जिससे विद्युत आपूर्ति बहाल हो जाती है। कुछ समय से हाथी वन क्षेत्र में बने हुए हैं।
-आरएस धुर्वे, एसडीओ उत्तर वनमंडल ब्योहारी
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ब्योहारी बफर क्षेत्र में हाथियों के मूवमेंट के दौरान सोशल मीडिया ग्रुप के माध्यम से विद्युत व रेलवे विभाग की मदद ली जाती है। नवंबर में कई बार रेलवे लाइन के आस-पास हाथियों का मूवमेंट होने पर कॉशन लगाकर ट्रेनों की रफ्तारी धीमी करानी पड़ी है। विद्युत व रेलवे विभाग पूरा सहयोग कर रहा है।
-शुभम खरे, वन परिक्षेत्र अधिकारी ब्योहारी बफर

Published on:
02 Mar 2025 11:50 am
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