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डेंगू मुक्त होने की ओर सीकर, इस साल मिले महज पांच केस

डेंगू की रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग की सतर्कता और जनजागरूकता अभियान रंग लाते नजर आ रहे है। इसका नतीजा है कि जिले में इस साल जनवरी से अब तक जिले में केवल पांच डेंगू के मामले सामने आए हैं, जो पिछले वर्षों की तुलना में बेहद कम हैं। लोगों में जागरुकता के कारण सीकर […]

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May 16, 2025

डेंगू की रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग की सतर्कता और जनजागरूकता अभियान रंग लाते नजर आ रहे है। इसका नतीजा है कि जिले में इस साल जनवरी से अब तक जिले में केवल पांच डेंगू के मामले सामने आए हैं, जो पिछले वर्षों की तुलना में बेहद कम हैं। लोगों में जागरुकता के कारण सीकर को डेंगू मुक्त जिले की ओर बढ़ता हुआ माना जा रहा है।राहत की बात है कि जागरुकता के कारण लोग मामूली लक्षण नजर आने पर जांच करवाकर दवा ले लेते हैं। इससे डेंगू के कारण होने वाली मौत का आंकड़ा घट गया है। हालांकि अभी भी आम आदमी से लेकर कई चिकित्सकों में मच्छर जनित रोग डेंगू के कारण प्लेटलेट गिरने और खून का बहाव होने जैसी कई भ्रांतियां फैली हुई है। इसका खामियाजा बीमार होने पर लोगों को मानसिक प्रताड़ता के रूप में झेलना पड़ता है।

चिकित्सकों के अनुसार डेंगू का बुखार होने पर शुरूआत में प्लेटलेट गिरती है लेकिन प्लेटलेट बढ़ाने की दवा, पपीता, कीवी जैसे फल और शरीर को हाइड्रेट रखने से 3-4 दिनों में दोबारा बढ़नी शुरू हो जाती है और आमतौर पर सात से दस दिन में शरीर में सामान्य स्थिति में पहुंच जाती है। पिछले कई सालों में महामारी के रूप में फैलने वाले डेंगू की रोकथाम और जागरुकता के लिए शुक्रवार को देखें, साफ करें, ढकें, डेंगू को हराने के उपाय करें थीम पर शिक्षण संस्थाओं में विद्यार्थियों, कर्मचारियों एवं लोगों को डेंगू के बारे में जागरूक किया जाएगा।

चार माह में डेढ लाख ब्लड स्लाइड

डेंगू एक वायरल बीमारी है, जो एडीज मच्छर के काटने से फैलती है। डेंगू रोग की रोकथाम के लिए चिकित्सा विभाग ने इस साल जनवरी से अप्रैल माह तक करीब 1.5 लाख से अधिक ब्लड स्लाइड्स बनाई गई हैं। जिससे समय रहते डेंगू के लक्षणों की पहचान और उपचार संभव हो सका। वहीं डेंगू की रोकथाम के लिए घर-घर सर्वे, लार्वा विनाश अभियान, फॉगिंग और जनजागरूकता कार्यक्रम किए जा रहे हैं।

यह है भ्रांतियां

चिकित्सकों के अनुसार डेंगू फैलाने वाले मच्छर को एडीज़ कहा जाता है जबकि मलेरिया फैलाने वाले मच्छर को एनोफिलीज़ कहा जाता है। डेंगू बुखार डेंगू वायरस के कारण होता है। मलेरिया प्लास्मोडियम परजीवी के कारण होता है । एडीज़ मच्छर आमतौर पर सुबह जल्दी या देर दोपहर में काटते हैं। एनोफिलीज मच्छर आमतौर पर शाम को या देर रात को काटते हैं। एडीज़ मच्छर मलेरिया नहीं फैला सकते और एनोफिलीज़ मच्छर डेंगू नहीं फैला सकते।

फैक्ट फाइल

वर्ष डेंगू रोगी ब्लड स्लाइड

2022 184 318456

2023 486 420116

2024 211 454664

2025 ०5 150102

आंकड़े अप्रेल माह तक के हैं

Published on:
16 May 2025 11:25 am
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