वैशाली नगर क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधियां बढऩे से लोगों का आना-जाना मुश्किल हो गया है। यही वजह है कि एक दशक पहले जो सड़कें खुली-खुली और चौड़ी थीं, वे अब संकरी लगने लगी हैं। गांधी पथ पर तो पीक आवर्स में जाम इतना होता है कि 25 से 30 मिनट तक पार करने में लग […]
वैशाली नगर क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधियां बढऩे से लोगों का आना-जाना मुश्किल हो गया है। यही वजह है कि एक दशक पहले जो सड़कें खुली-खुली और चौड़ी थीं, वे अब संकरी लगने लगी हैं। गांधी पथ पर तो पीक आवर्स में जाम इतना होता है कि 25 से 30 मिनट तक पार करने में लग जाते हैं। यही हाल, आम्रपाली मार्ग, वैशाली मार्ग और चित्रकूट मार्ग का है। दरअसल, हाईकोर्ट ने जेडीए से पूछा कि वैशाली नगर में कितने अतिक्रमण हैं। हालांकि, इसके लिए जेडीए के प्रवर्तन मुख्य प्रवर्तन अधिकारी ने जवाब पेश करने के लिए समय मांगा है।
कैसे चिन्हित करेंगे अतिक्रमण क्योंकि
-गांधी पथ: मास्टरप्लान में 80 फीट है। बाद में 100 फीट कर दिया गया। दोनों ओर व्यावसायिक निर्माण हुए। पार्किंग का ध्यान किसी ने नहीं दिया। अब सड़क पर ही गाडिय़ां खड़ी हो रही हैं।
-क्वींस रोड की चौड़ाई 100 फीट से लेकर 160 फीट है। शाम को तीन-चार जगह भारी जाम लगता है। यही हाल आम्रपाली मार्ग, वैशाली मार्ग और गौतम मार्ग का है। मास्टरप्लान में ये सड़कें 80-80 फीट चौड़ी हैं।
-ई ब्लॉक स्थित जेडीए कॉम्प्लेक्स में तो नगर निगम ने फुटपाथ इतने चौड़े करवा दिए कि यहां पर आराम से गाड़ियां पार्क की जा रही हैं। 40 फीट की सड़क बमुश्किल 15 फीट की रह जाती है। कुछेक लोगों ने सड़क सीमा में सीढ़ियां तक निकाल ली हैं। इन पर जेडीए कोई कार्रवाई नहीं कर रहा।
-वैशाली सर्कल के पास बने जेडीए मार्केट में भी कुछेक लोगों ने मनमानी का कब्जा जमा रखा है। जितनी बड़ी दुकान नहीं है, उससे अधिक बाहर सामान रखा जा रहा है। अन्य व्यापारियों का कहना है कि जेडीए और निगम में शिकायत कर चुके, लेकिन कार्रवाई के लिए कोई नहीं आता।
यहां भी मनमानी
वैशाली नगर की आरएसईबी कॉलोनी में पार्किंग की जगह कब्जे का खेल चल रहा है। जेडीए में शिकायत करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। पार्किंग स्पेस को इतना ऊंचा कर लिया कि गाड़ियां सड़क पर खड़ी होने लगीं। साथ ही पार्किंग स्पेस का व्यावसायिक उपयोग शुरू हो गया है। इससे कॉलोनी में रहने वाले लोग परेशान हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार जेडीए में शिकायत की, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
14 माह पहले की थी बड़ी कार्रवाई
पिछले वर्ष जुलाई में जेडीए ने वैशाली नगर के प्रमुख मार्गों पर अभियान चलाया था। इस दौरान 150 से अधिक अस्थायी अतिक्रमण हटाए थे। अब फिर वही हाल हो गया है।