- 29 केन्द्रों पर हुई यह परीक्षा: दोनों पारियों में दस हजार से अधिक आए परीक्षार्थी
श्रीगंगानगर. राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की चतुर्थ श्रेणी सीधी भर्ती परीक्षा का आगाज शुक्रवार को दो पारियेां में हुआ। तीन दिवसीय इस परीक्षा के लिए 29 केन्द्र बनाए गए। पहले दिन शुक्रवार को दस हजार से अधिक परीक्षार्थी परीक्षा देने पहुंचे। सुबह दस बजे से दोपहर बारह बजे तक पहली पारी में 11328 में से 9514 परीक्षार्थी हाजिर हुए जबकि 1814 परीक्षार्थी गैर हाजिर हुए। वहीं दूसरी पारी में 11328 में से 9518 परीक्षार्थी हाजिर हुए जबकि 1810 परीक्षार्थी अनुपिस्थत रहे। पहली पार में 83.99 प्रतिशत जबकि दूसरी पारी में 84.02 प्रतिशत उपिस्थति दर्ज की गई। इस परीक्षा के लिए बीटेक, एमटेक, एमएससी, नेट क्लीयर, एलएलबी, बीएड जैसे उच्च डिग्री होल्डर्स बेरोजगारों की संख्या अधिक देखने को मिली। ऐसे परीक्षार्थियों को देखकर परीक्षा र्केन्द्र पर तैनात पुलिस कार्मिक और अन्य स्टाफ ने भी हैरानगी जताई। इस परीक्षा में ज्यादातर सवाल करंट जीके से पूछे गए थे। परीक्षार्थी सुनीता का कहना था कि इस साल केन्द्र सरकार की ओर से खेल, संस्कृति या संगीत या अन्य क्षेत्रों में दिए गए पुरुस्कार के संबंधित सवालों ने खूब उलझाया। वहीं परीक्षार्थी रमन का मानना था कि पटवार परीक्षा के पैटर्न के अनुरुप यह पेपर नजर आया।
मजबूरी है इसलिए यह परीक्षा देने आया
बेरोजगार हनुमानगढ़ जिले के रहने वाले हर्ष का कहना था कि एमएससी और बीएड की डिग्री लेने के बावजूद रोजगार नहीं मिला। परिवार पालने की मजबूरी और लगातार मिल रही हताशा को देखते हुए यह चतुर्थ श्रेणी कार्मिक बनने को तैयार हो गया हूं। यही बात सादुलशहर की रेखा ने बताई। उसका कहना था कि बीएड करने के बाद उम्मीद थी कि टीचर बनेगी लेकिन कठिन हो रही प्रतियोगी परीक्षा से वह पिछड गई। रावतसर के हरीश कुमार का कहना था कि सरकारी नौकरी का अपना रुतबा है, पद चाहे छोटा हो या बड़ा केाई फर्क नहीं पड़ता। सूरतगढ़ के सुभाष कुमार का भी मानना था कि विधि स्नातक के बाद परिवार पालने की मजबूरी अड़चन बन गई। प्राइवेट सैक्टर में भी दस हजार मासिक वेतन से ज्यादा नहीं मिल रहा था। ऐसे में चतुर्थ श्रेणी कार्मिक बनने को तैयार हो गया हूं। दोनों पारियों में परीक्षा केन्द्रों के बाहर सुबह से लेकर शाम तक परीक्षार्थी और उनके परिजनों की आवाजाही बनी रही। करीब एक घंटे पहले परीक्षा केन्द्रों पर एंट्री बंद होने की बाध्यता को देखते हुए परीक्षार्थी और उनके परिजन अल सबेरे ही आ धमके। परीक्षा केन्द्र के बाहर मोबाइल, बैग और बाइक रखने के एवज में अस्थायी दुकानदार दस से बीस रुपए की वसूली करते नजर आए।