श्री गंगानगर

कम अंक नहीं हैं करियर में बाधा, हुनर के साथ करें नई शुरुआत

टॉपिक एक्सपर्ट- भूपेश शर्मा, जिला समन्वयक, विद्यार्थी परामर्श केंद्र, श्रीगंगानगर

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  • श्रीगंगानगर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के हाल ही में जारी हुए नतीजों से स्पष्ट देखने में आ रहा है कि 85-90 फीसदी से कम अंक लाने वाले विद्यार्थी स्वयं में एक हीन भावना महसूस करने लगे हैं। हालांकि बीते सालों की तुलना में इस साल 90 फ़ीसदी से अधिक वाले विद्यार्थियों की संख्या में गिरावट हुई है। परंतु फिर भी अधिकतर अभिभावक और माता-पिता बच्चों को 80-85 प्रतिशत अंक लाने पर शाबाशी न देकर उन्हें हतोत्साहित ही कर रहे हैं। देखा जाए तो आसमान छूती कट-ऑफ तथा बढ़ती शैक्षिक प्रतिस्पर्धा के बीच बच्चों और अभिभावकों में इस डर का होना लाजमी है। परंतु नई शिक्षा नीति और शैक्षणिक नवाचारों के तहत अधिकतर कॉलेजों में दाखिला सीयूईटी या अन्य प्रवेश परीक्षाओं के आधार पर होने लगा है। जिससे बच्चों के पास अब भी बेहतर तैयारी के साथ उच्च अध्ययन का अवसर बना रहता है। दरअसल 10वीं-12वीं में कम अंक आने से सभी दरवाजे बंद नहीं होते बल्कि ये विद्यार्थियों को नया सोचने,समझने और करने का मौका देते हैं।

छुट्टियों से ही शुरु हो गई पढ़ाई

  • आजकल शैक्षणिक सत्र की समाप्ति के साथ गर्मी की छुट्टियां शुरू होते ही बच्चों को ट्यूशन या कैंप आदि में लगाकर अगली कक्षा की पढ़ाई में व्यस्त कर दिया जा रहा है। जिससे बच्चे हकीकत में अवकाश का पूर्ण उपभोग न करके पूरे साल ही पढ़ाई में व्यस्त रहते हैं। अंको की यह मारामारी एक औसत स्तर के बच्चे पर मानसिक दबाव और अवसाद को तो बढ़ा ही रही है।

प्रोफेसनल पाठ्यक्रमों से जारी रखें अध्ययन

  • सीबीएसई या आरबीएसई से कम अंक लाने वाले विद्यार्थी अथवा इस साल परीक्षा सफल नहीं होने वाले विद्यार्थी एनआईओएस या आरएसओएस से 10वीं-12वीं की पढ़ाई जारी रख सकते हैं। ऐसे विद्यार्थियों के लिए चार- छ महीने बाद ही परीक्षा आयोजन का प्रावधान रहता है। इसके साथ-साथ ये विद्यार्थी आईटीआई,पॉलिटेक्निक,वेब डिजाइनिंग, इवेंट मैनेजमेंट, कंप्यूटर, फोटोग्राफी जैसे विभिन्न प्रोफेशनल और सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों की मदद से एक हुनरमंद करियर का निर्माण कर सकते हैं।
Published on:
19 May 2025 12:16 pm
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