Neet Exam Topper 2024: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की ओर से मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी-2024 में श्रीगंगानगर के आदर्श सिंह मोयल ने नेशनल स्तर पर टॉप किया है। नीट में मोयल ने 720 में से 720 अंक हासिल कर श्रीगंगानगर ही नहीं देशभर में डंका बजाया है।
Neet Exam Topper 2024: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की ओर से मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी-2024 में श्रीगंगानगर के आदर्श सिंह मोयल ने नेशनल स्तर पर टॉप किया है। नीट में मोयल ने 720 में से 720 अंक हासिल कर श्रीगंगानगर ही नहीं देशभर में डंका बजाया है। आदर्श के टॉपर रहने पर मधुवन कॉलोनी घर में और कोचिंग स्थान में बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। घर में मां-बाप,भाई और बहन और रिश्तेदारों में खुशी का कोई ठिकाना नहीं है। परफेक्ट एज्यूकेशन श्रीगंगानगर के डायरेक्टर पवन कुक्कड़ ने बताया कि आदर्श ने रेकॉर्ड बनाया है। इस खुशी में संस्थान में जमकर आतिशबाजी की गई। विद्यार्थियों ने खुशी में ढोल की थाप पर डांस भी किया। इस बीच शहर में रैली निकाल कर खुशी मनाई गई।
गौरतलब है कि नीट की परीक्षा 5 मई को हुई थी। इसमें श्रीगंगानगर में चार परीक्षा केंद्र थे। देश में एमबीबीएस के 706 मेडिकल कॉलेजों की 109145 सीटें,बीडीएस के 323 कॉलेजों की 28088,आयुष पाठयक्रम की कुल 55851 सीटों एवं चयनित बीएससी नर्सिंग कॉलेज पाठयक्रमों की सीटों सहित दो लाख 10 हजार सीटों के लिए यह परीक्षा हुई थी। इसमें 23 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे।
सोशल मीडिया से दूरी
आदर्श ने बताया कि उसके पास खुद का मोबाइल तक नहीं है और वह सोशल मीडिया से दूरी बनाकर ही रखता था। मां के मोबाइल को थोड़ा-बहुत कभी-कभार मनोरंजन के लिए उपयोग में लेता था। आदर्श ने बताया कि उसकी बड़ी बहन आर्मी में डॉक्टर है और भाई आइआईटी करके जॉब कर रहा है। इस सफलता में बड़ी बहन कैप्टन डॉ.तेजस्वी और भाई घनश्याम का मार्ग-दर्शन लेता रहता था। उन्होंने उसे मॉटिवेशन दिया।
हर विषय पर फोकस कर नियमित 12 घंटे पढ़ाई की आदर्श ने बताया कि नीट की तैयारी परफेक्ट एज्यूकेशन में नियमित रूप से कोचिंग करके की। उसने बताया कि सप्ताह में टेस्ट होते थे और कहीं पर कोई कमी होती थी उसमें सुधार करवाया जाता था। परीक्षा में फिजिक्स, केमिस्ट्री, जूलोजी व बॉटनी में एमसीक्यू पूछे गए। परीक्षा की तैयारी के लिए वह चार से पांच घंटे कोचिंग स्थान में बनी लाइब्रेरी में भी पढ़ाई करता था। इसके बाद घर पर डेढ़ से दो घंटे अध्ययन करता था। इस तरह वह रोजापा 12 घंटे तक पढ़ता था।