सूरतगढ़ अपनी खास भौगोलिक िस्थति और खूबसूरत लॉकेशन के चलते बॉलीवुड और पॉलीवुड (पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री) के फिल्मकारों को भी अपनी तरफ खींचने लगा है। इसकी सबसे बड़ी वजह है, सूरतगढ़ में राजस्थानी और पंजाबी संस्कृति का बेजोड़ प्राकृतिक संगम।
SuratgarhNews: राजस्थान के उत्तर पश्चिमी छोर पर िस्थत सूरतगढ़ यूं तो रियासत काल से ही खास महत्व रखता है। अब सूरतगढ़ अपनी खास भौगोलिक िस्थति और खूबसूरत लॉकेशन के चलते बॉलीवुड और पॉलीवुड (पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री) के फिल्मकारों को भी अपनी तरफ खींचने लगा है। इसकी सबसे बड़ी वजह है, सूरतगढ़ में राजस्थानी और पंजाबी संस्कृति का बेजोड़ प्राकृतिक संगम। एक तरफ जहां सूरतगढ़ के दक्षिणी भाग में जैसलमेर सरीखे खूबसूरत रेत के धोरें हैं तो, उत्तरी भाग में पंजाब सरीखे खेत। एक ही जगह राजस्थानी और पंजाबी कल्चर का यह अनुपम संगम बॉलीवुड और पॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री को खूब रास आ रहा है। यही वजह है कि बीते एक दशक से भी कम समय में सूरतगढ़ में बॉलीवुड की दो बड़ी फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है, तो वहीं पंजाबी फिल्मों की शूटिंग तो आज भी अनवरत जारी है।
बॉलीवुड की वर्ष 2019 में इतिहास के प्रसिद्ध बैटल ऑफ सारागढ़ी पर आधारित अक्षय कुमार और परिणिती चौपड़ा स्टारर फिल्म केसरी की शूटिंग सूरतगढ़ के पदमपुरा गांव में की गई थी। केसरी मूवी में अक्षय और परिणिती चौपड़ा के लव एंगल और विवाह का दृश्य इसी गांव में फिल्माया गया था। जिसके लिए यहां विशेष सेट भी तैयार किया गया था। इस फिल्म के प्रसिद्ध गीत माही की शूटिंग में तांगेवाला वाला दृश्य संगीता माइनर किनारे फिल्माया गया था। इसी प्रकार वर्ष 2020 में आई संजय दत्त और अजय देवगन अभिनीत फिल्म भुज: द प्राईड ऑफ इंडिया के एक भाग की शूटिंग भी सूरतगढ़ क्षेत्र में हुई थी। वहीं पॉलीवुड की बात करें तो, रंजीत बावा की बलवान सिंह की शूटिंग भी सूरतगढ़ के एक गांव में हुई थी। जबकि वर्तमान में सूरतगढ़ में एमी विरक और गिप्पी ग्रेवाल की एक अनाम फिल्म की शूटिंग जारी है। इसके अलावा सूरतगढ़ क्षेत्र में कई पंजाबी और हरियाणवी गीतों की शूटिंग भी हो चुकी है।
बॉलीवुड और पॉलीवुड के फिल्मकारों के फिल्मों की शूटिंग के लिए सूरतगढ़ की तरफ रूख करने की बड़ी वजह सूरतगढ़ की खास भौगोलिक िस्थति है। यह प्राकृतिक और सांस्कृतिक दोनों तरह से पंजाबी और राजस्थानी संस्कृति का संगम है। श्रीगंगानगर जिले के सूरतगढ़ का उत्तरी भाग पंजाब की तरह मैदानी और हरा भरा है। जहां बड़ी संख्या में नहरें मौजूद हैं। इस क्षेत्र का रहन सहन बिलकुल पंजाब की भांति है। जबकि सूरतगढ़ शहर से ही शुरु होने वाला दक्षिणी टिब्बा बेल्ट पूर्ण रूप से राजस्थान की पारंपरिक छटा बिखेरता है। जहां रेत के विशाल और खूबसूरत धोरे तथा राजस्थानी परिवेश नजर आता है। ऐसे में फिल्मकारों को एक ही लॉकेशन पर पंजाब और राजस्थान दोनों परिवेश में फिल्मों की शूटिंग की सहूलयित मिलती है। जिससे अलग-अलग स्थानों पर शूटिंग के लिए होने वाले खर्च की बचत भी होती है।
सूरतगढ़ में बॉलीवुड और पॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग के साथ पंजाबी व हरियाणवी एल्बमों के गीत भी खूब फिल्माए जाते हैं। शहर के हनुमानगढ़ मानकसर फोरलेन पर सदर थाना से पहले िस्थत धोरा तो फिल्मी धोरा के नाम से भी विख्यात है। करीब एक किलोमीटर में फैला यह साफ सुथरा धोरा पयर्टकों के साथ फिल्मकारों का मन भी मोह रहा है। बड़ी संख्या में सैलानी इस धोरे पर भ्रमण करने आते हैं। जिसके चलते यह पर्यटन और फिल्मों की नई लॉकेशन के तौर पर उभरने लगा है।