-दो साल पूरे होने पर विकास रथ रवाना,बराड़ की चुटकी में छुपा सिस्टम पर तीखा सवाल
श्रीगंगानगर.राज्य की भाजपा सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर शनिवार को डॉ. भीमराव आंबेडकर महाविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति तथा उपभोक्ता मामले विभाग के मंत्री एवं जिला प्रभारी मंत्री सुमित गोदारा ने छह विकास रथों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ये विकास रथ जिले के सभी छह विधानसभा क्षेत्रों में जाकर सरकार के दो साल के कार्यों, योजनाओं और उपलब्धियों की जानकारी देंगे। रथों में लगी सुझाव पेटिकाओं के माध्यम से जनता से फीडबैक लिया जाएगा, जिसे आगामी बजट में शामिल करने की बात कही गई।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रभारी मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि सरकार जनता की सेवक है और प्रदेश के विकास का पहिया बिना रुके आगे बढ़ रहा है। उन्होंने सडक़, शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा और जनकल्याण योजनाओं में किए गए कार्यों का उल्लेख किया। मंच पर विधायक जयदीप बिहाणी, गुरवीर बराड़, माटी कला बोर्ड अध्यक्ष प्रहलाद राय टाक और भाजपा जिलाध्यक्ष शरणपाल सिंह मान ने भी विचार रखे। इस अवसर पर सडक़ सुरक्षा क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वालों और 18 वर्ष से अधिक आयु की छात्राओं को हेलमेट व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। सडक़ सुरक्षा प्रदर्शनी का अवलोकन करने के बाद प्रभारी मंत्री ने बाइक रैली को भी हरी झंडी दिखाई।
हालांकि, कार्यक्रम का सबसे चर्चित पल तब आया जब भाजपा नेता बलदेव सिंह बराड़ को बोलने का अवसर मिला। उन्होंने मंच से आमजन और किसानों की रोजमर्रा की समस्याएं उठाईं। बराड़ ने कहा कि जब ग्रामीण और किसान अपनी शिकायत लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचते हैं, तो अधिकारी अक्सर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में व्यस्त मिलते हैं। दो-तीन घंटे इंतजार के बाद लोग बिना सुनवाई के लौट जाते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दिन तय किए जाएं और शेष दिनों में अधिकारी आमजन और किसानों की समस्याएं सुनें, ताकि व्यवस्था बेहतर हो सके।
…मुझे बोलना नहीं आता,मौका दिया तो तत्ते तवे ते मैं भी रोटी सेक ली
बराड़ ने चुटकी लेते हुए कहा,मुझे बोलना नहीं आता,मौका दिया तो तत्ते तवे ते मैं भी रोटी सेक ली। इस व्यंग्य में व्यवस्था की उस पीड़ा की झलक थी,जो आम आदमी रोज महसूस करता है,फाइलें चलती हैं, पर सुनवाई अटक जाती है। बराड़ की बातों को मंच पर मौजूद जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने गंभीरता से सुना, जिससे यह संकेत मिला कि विकास के दावों के साथ-साथ प्रशासनिक संवेदनशीलता और पहुंच भी उतनी ही जरूरी है। कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री निहालचंद, पूर्व विधायक संतोष बावरी,प्रियंका बैलाण, रतनलाल गणेशगढिय़ा, राजन तनेजा, सतपाल कासनिया, आशुतोष गुप्ता, मुकेश गोदारा, और जिला कलक्टर डॉ. मंजू सहित अनेक जनप्रतिनिधि व अधिकारी मौजूद रहे।