श्री गंगानगर

यह कैसा जश्न: जर्जर सड़कें, निराश्रित पशुओं का जमावड़ा

- श्रीगंगानगर: सड़कों की सेहत में अब तक नहीं सुधार

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श्रीगंगानगर. एक ओर राज्य सरकार के दो वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर जिले में सुशासन के नाम पर जश्न मनाया जा रहा है तो दूसरी ओर जिला मुख्यालय की बदहाल सड़कों ने इन दावों की पोल खोलकर रख दी है। इसके साथ साथ निराश्रित पशुओं की धरपकड़ की मुहिम को भी सर्दी लग चुकी है। शहर के कई प्रमुख मार्ग जर्जर हालत में हैं, जहां से रोजाना हजारों वाहन और पैदल राहगीर गुजरते हैं। इन सड़कों पर न तो स्थायी मरम्मत हो पाई और न ही यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए ठोस कदम उठाए गए। शहर का व्यस्ततम तुलसी आचार्य मार्ग इसकी बानगी है। नगर परिषद की पूर्व सभापति करुणा चांडक के आवास से लेकर रामलीला मैदान तक का पूरा मार्ग पिछले दो वर्षों से मरम्मत की बाट जोह रहा है। जगह-जगह उखड़ी डामर की परत, गड्ढे और धूल के गुबार लोगों के लिए रोजमर्रा की परेशानी बने हुए हैं। इसी तरह सुखाडि़या सर्किल से गोपीराम बगीची होते हुए नई धानमंडी के विनोबा बस्ती क्षेत्र में खुलने वाले गेट तक सड़क की हालत भी बद से बदतर है। इस गेट से पायल सिनेमा के पास तक पूरी सड़क जर्जर हो चुकी है। वेलकम विहार निवासी अनिल कूपर का कहना है कि वाटर लाइन और सीवर लाइन बिछाने के नाम पर बीते दो सालों में सड़क को बार-बार खोदा गया, लेकिन खुदाई के बाद समुचित पुनर्निर्माण नहीं कराया गया। परिणामस्वरूप सड़क गड्ढों में तब्दील हो गई है। इधर, कोड़ा चौक के पास सूचना केन्द्र के बाहर सीवरेज प्रोजेक्ट की ठेका कंपनी द्वारा खोदा गया गड्ढा भी तीन माह से यूं ही खुला पड़ा है। इससे न केवल हादसे का खतरा बना हुआ है, बल्कि आसपास गंदगी और जलभराव की समस्या भी बढ़ रही है। वहीं, शक्ति मार्ग पर भी सड़क लंबे समय से पेचवर्क के इंतजार में है।

निराश्रित पशुओं को पकड़ने की मुहिम ठप

सड़कों की बदहाली के बीच निराश्रित पशुओं का जमावड़ा समस्या को और गंभीर बना रहा है। जर्जर सड़कों पर घूमते पशु आए दिन दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं। जी ब्लॉक एरिया में निराश्रित पशुओं का जमावड़ा इतना अधिक हो गया है, कभी भी ऐसे निराश्रित पशु हिंसक होकर राहगीरों पर हमला कर सकते है। यही हाल चहल चौक, पुरानी आबादी श्याम चौक और बीरबल चौक के पास का है। इन इलाकों में पशुओं के झुंड देखे जा सकते है। नगर परिषद प्रशासन ने कुछ दिन निराश्रित पशुओं को पकड़ने की मुहिम चलाई थी लेकिन अब ऐसे पशुओं को पकड़ने की प्रक्रिया रोक दी गई है।

Published on:
14 Dec 2025 11:38 pm
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