MLA reprimand on Contractor: लंबे समय से जर्जर पड़ी प्रतापपुर-चंदौरा की 7 किलोमीटर की सडक़ का चल रहा है निर्माण कार्य, पत्रिका द्वारा निर्माण कार्य में हो रहे भ्रष्टाचार को प्रमुखता से किया गया था प्रकाशित
प्रतापपुर। MLA reprimand on Contractor: प्रतापपुर से चंदौरा तक 14 करोड़ के लागत से बन रही 7 किलोमीटर लंबी सडक़ के निर्माण में हो रही अनियमितताओं को लेकर क्षेत्रीय विधायक शकुंतला सिंह पोर्ते ने अधिकारियों और ठेकेदारों पर कड़ा रुख (MLA reprimand on Contractor) अपनाया है। आवागमन की सुविधा के मद्देनजर यह सडक़ एक बड़ी सौगात थी, लेकिन ग्रामीणों, आम जनता की शिकायत पर पत्रिका द्वारा कार्य में हो रहे भ्रष्टाचार की खबर प्रमुखता से प्रकाशित किए जाने के बाद विधायक एक्शन मोड में आ गईं।
विधायक शकुंतला सिंह ने बुधवार को निर्माण स्थल पर पहुंचकर तथा सडक़ का निरीक्षण (MLA reprimand on Contractor) किया। इस दौरान कार्य में कई तरह की अनियमितता पाई गई। सडक़ का बेस सही नहीं था। सडक़ में बड़े-बड़े गिट्टी मिट्टी के साथ में डाले गए हैं, साथ ही कहीं-कहीं 20 एमएम का गिट्टी मिक्स किया गया है।
सडक़ का मानक के विपरीत कार्य हुआ है। इस पर विधायक ने पीडब्ल्यूडी अधिकारियों और ठेकेदारों के कर्मचारियों को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने निर्माण सामग्री की गुणवत्ता में कमी व सडक़ के बेस की खराब स्थिति पर कड़ी नाराजगी जताई।
उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि गुणवत्तापूर्ण कार्य (MLA reprimand on Contractor) सुनिश्चित किया जाए और निर्माण सामग्री की लैब टेस्टिंग अनिवार्य रूप से की जाए।
विधायक ने कहा कि भुगतान केवल गुणवत्ता जांच के बाद ही किया जाएगा। निर्माण में अनियमितता मिलने पर ठेकेदार और अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होगी। इस सडक़ की गुणवत्ता (MLA reprimand on Contractor) को लेकर मुख्यमंत्री सहित पीडब्ल्यूडी मंत्री, पीडब्ल्यूडी के उच्च अधिकारियों से शिकायत भी करेंगे जिससे गुणवत्तापूर्ण कार्य हो सके। जहां-जहां कार्य हुआ है, जांच कर भुगतान में कमी की जाएगी।
विधायक ने कहा कि शासन का पैसे का दुरुपयोग बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होगा। आम जनता के लिए बनाई जा रही यह सडक़ लंबे समय तक चले, लोग यही चाहते हैं। अधिकारी और ठेकेदार की मिली भगत बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस दौरान भाजपा मंडल अध्यक्ष अक्षय तिवारी, मुकेश तायल, हरी गुप्ता, गुलाब मोहन तिवारी, अवधेश पांडे व अन्य लोग उपस्थित थे।
पीडब्ल्यूडी के एसडीओ व इंजीनियर (MLA reprimand on Contractor) ने भी कहा कि मामले की कड़ी जांच होगी। लैब टेस्टिंग के बाद ही भुगतान किया जाएगा तथा उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा। मेजरमेंट के हिसाब से भुगतान होगा। हर जगह थिकनेस जांच सहित नीचे के बेस की जांच की जाएगी।
वहीं स्थानीय ग्रामीणों में निर्माण कार्य को लेकर गहरा आक्रोश है, उन्होंने भी सडक़ की गुणवत्ता की जांच की मांग की है। ग्रामीणाों ने कहा कि महज एक महीना में सडक़ का निर्माण भी पूर्ण कर दिया जा रहा है।