टोंक

Good News: जयपुर-कोटा हाइवे का भार होगा कम, 134 करोड़ की लागत से टोंक जिले में बनेगा पुल

जयपुर-कोटा हाइवे पर वाहनों का दबाव करने के लिए जल्द टोंक जिले के गहलोद के समीप ब्रिज बनाया जा रहा है।

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Nov 28, 2024

टोंक जिले में बनास नदी में आए पानी के चलते गहलोद के समीप बन रहे हाइब्रिज के कार्य में देरी कर दी। यह कार्य पहले दिसबर 2024 तक पूरा होना था। लेकिन अब इसका निर्माण मार्च तक पूरा होने की संभावना है। इसके बाद लोगों को आवागमन में सुविधा मिल जाएगी। साथ ही कोटा, बूंदी व टोंक से सांगानेर शहर, बगरू, सीकर, दूदू, सांभर, फुलेरा व नागौर जाने के लिए जयपुर नहीं जाना पड़ेगा। यह मार्ग शुरू होने पर टोंक से ही सीधा गहलोद, पीपलू वाया फागी होते हुए इन कस्बों-शहरों में पहुंच जाएंगे।

134.74 करोड़ से बन रहा है ब्रिज

बनास नदी गहलोद पर राज्य सरकार की अभिशंसा के बाद केंद्र सरकार ने इस हाई ब्रिज की स्वीकृति दी थी। दो किमी लबाई के इस हाई ब्रिज में दो एप्रोच रोड तथा 49 पिल्लर बन रहे हैं। इस हाइब्रिज के निर्माण पर 134.74 करोड रुपए की राशि खर्च होगी।

शहर के समीप गहलोद गांव स्थित बनास में निर्माणाधीन हाई लेवल ब्रिज का कार्य इस वित्तीय वर्ष में पूरा हो जाएगा। इससे जयपुर-कोटा हाइवे पर वाहनों का भार भी कुछ कम हो जाएगा।

पीपलू से टोंक आने की घट जाएगी दूरी

पीपलू से टोंक आने के लिए अभी एक मात्र मार्ग सोहेला होते हुए है। यह मार्ग पीपलू से टोंक के लिए करीब 32 किलोमीटर लबा है। जबकि गहलोद हाइब्रिज बनने पर इसकी दूरी महज 13 किलोमीटर ही रह जाएगी। इसी प्रकार टोंक से फागी की दूरी सोहेला, वाया डिग्गी नुक्कड़ होते हुए 100 किलोमीटर है, जो फागी से टोंक वाया पीपलू होते हुए महज 48 किलोमीटर ही रह जाएगी।

बरसात में सीधे तौर पर टूट जाता है तीन उपखंडों का संपर्कबरसात के दिनों में बनास नदी में पानी की आवक हो जाती है। ऐसे में पीपलू, मालपुरा व टोडारायसिंह के दर्जनों गांवों का जिला मुयालय से सीधा सपर्क टूट जाता है। उन्हें टोंक आने के लिए सोहेला होते हुए करीब 40 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है। हाइब्रिज बनने के बाद उन्हें परेशानी नहीं होगी।

Published on:
28 Nov 2024 03:01 pm
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