उदयपुर

Innovation Story: 10 मिनट के चार्ज में 300 किमी तक दौड़ेगी बाइक, गांव से निकले चिराग ने स्क्रैप से तैयार किया प्रोटोटाइप

Innovation Story: उदयपुर। पेट्रोल-डीजल के वाहनों का विकल्प बन रहे ई व्हीकल्स को लेकर लोगों में चार्जिंग टाइम और उसकी रेंज को लेकर शंकाएं बनी रहती है। उदयपुर के विस्मा गांव के चिराग ने एक ईवी मोटर तैयार की है, जो दस मिनट की चार्जिंग में 300 की किमी दौड़ सकेगी।

2 min read
बाइक का बनाया प्रोटोटाइप, इंसेट में चिराग, पत्रिका फोटो

उदयपुर। पेट्रोल-डीजल के वाहनों का विकल्प बन रहे ई व्हीकल्स को लेकर लोगों में चार्जिंग टाइम और उसकी रेंज को लेकर शंकाएं बनी रहती है। इस सेक्टर में लगातार नवाचार हो रहे है जो इनकी गुणवत्ता को बढ़ा रहे हैं। ऐसा ही एक नवाचार किया है उदयपुर के विस्मा गांव के चिराग ने।

उन्होंने ने एक ईवी मोटर तैयार की है, जो दस मिनट की चार्जिंग में 300 की किमी दौड़ सकेगी। तैयार किए गए प्रोटोटाइप का अब तय मानकों पर परीक्षण किया जाएगा। माना जा रहा है कि परीक्षण सफल होने पर ई व्हीकल्स में चार्जिंग टाइमिंग और उसकी रेंज को लेकर बड़ा बदलाव आएगा।

ये भी पढ़ें

जयपुर मेट्रो 10 साल में सिर्फ 11 किमी चली… फेज-2 की फाइल दिल्ली में भटकी, दूसरे शहरों ने भरी उड़ान

स्क्रैप से तैयार किया प्रोटोटाइप

निजी कंपनी में नौकरी करने के साथ ही चिराग ने उदयपुर में मोटर साइकिल के स्क्रैप पार्ट्स खरीदे और घर पर मोटर बनाना शुरू किया। हालांकि स्क्रैप पार्ट्स मिलने भी उन्हे बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ा। पार्ट्स नहीं मिलने पर कई दिनों तक काम भी ठप रहा, लेकिन उन्होने हार नहीं मानी। सीमित संसाधनों के बावजूद कुछ समय बाद उन्हें मोटर का पहला प्रोटोटाइप बनाने में सफलता मिल गई। मोटर की टेस्टिंग में उन्हें सकारात्मक परिणाम मिले।

बेंगलूरु में मिला तकनीकी सहयोग

चिराग देश के प्रमुख इनक्यूबेशन केंद्रों में से एक एसटीपी पुर्ण, एआइसी-पिनाकल व आइ स्टार्ट राजस्थान से भी जुड़े हैं। उनकी बनाई ईवी मोटर की मुख्य विशेषता है कि वह 10 मिनट की चार्जिग में 300 किलोमीटर तक की रेंज देती है। इस मोटर को तैयार करने के लिए चिराग बेंगलूरु भी गए। यहां पर उन्हें ईवी मोटर के अहम पार्ट एमवीपी को तैयार करने में मदद मिली। इससे मोटर की क्विक चार्जिंग में उन्हें मदद मिली।

दोस्त से बातचीत के दौरान मिली प्रेरणा

साधारण परिवार में पले-बढ़े चिराग को ईवी मोटर बनाने की प्रेरणा अपने एक मित्र से मिली। उसने बातचीत के दौरान ईवी सेक्टर में आ रहे बदलावों और उसमें नवाचार की जरूरतों के बारे में बताया। इससे उन्हें नवाचार की प्रेरणा मिली। उन्होंने गंभीरता से इस पर काम किया और सफलता पाई।

ये भी पढ़ें

Rahul Bansiwal RJS: पात्रता मिलते ही रचा इतिहास, सिर्फ 21 साल 3 माह की उम्र में जज बने राहुल, न्यूनतम पात्रता 21 वर्ष थी

Updated on:
21 Dec 2025 09:08 am
Published on:
21 Dec 2025 09:02 am
Also Read
View All

अगली खबर