उदयपुर

लेकसिटी शर्मसार: उदयपुर में थड़ियों से लेकर होटलों तक एमडी ड्रग्स का कारोबार

रिपोर्टर- पुडिय़ा मिलेगी? पेडलर बोला- 2500 लगेंगे, सीजन चल रहा है। उदयुपर में थडिय़ों से लेकर होटलों तक नशे का कारोबार। पर्यटन नगरी को बना दिया नशे का गढ़।

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Nov 29, 2024
शहर में एक थडी से नशे की पुड़िया खरीदता रिपोर्टर।

पर्यटन नगरी उदयपुर को सौदेबाजों ने नशे का गढ़ बना दिया है। यहां थडिय़ों से लेकर बड़ी होटलों तक में नशे का कारोबार हो रहा है। यहां आने वाले देसी-विदेशी पर्यटकों के साथ ही स्थानीय नशेडिय़ों को नशीला पदार्थ आसानी से उपलब्ध हो रहा है। नेटवर्क इतना गहरा है कि पेडलर ग्राहक को और ग्राहक पेडलर को ढूंढ़ लेते हैं, जबकि पुलिस-प्रशासन को यह खेल नहीं दिखता। सौदेबाज शातिर भी इतने की शक्ल देखते से ही भांप जाते हैं कि वाकई नशीला पदार्थ खरीदार है या कोई और। उदयपुर शहर के बिगड़े हालात की नब्ज़ टटोलने राजस्थान पत्रिका रिपोर्टर शहर की गलियां और पेडलर के ठिकाना तक पहुंचा। शाम 6 से रात 9 बजे के बीच एक दर्जन जगहों पर पहुंची टीम को दो जगहों पर एमडीएमए उपलब्ध हो गई। बाकी जगहों पर सामग्री थी, लेकिन पेडलर को भरोसा नहीं होने से आनाकानी करता रहा।
शाम 6 बजे: सीए सर्कल
रोड किनारे लगी थडिय़ों पर नशे का सामान और इसमें इस्तेमाल होने वाले उपकरण आसानी से उपलब्ध हैं। बिना बल्ब जलाए अंधेरे में एक थड़ी पर बैठे पेडलर से बात शुरू हुई। रिपोर्टर ने पूछा कि 'पुडिय़ा मिलेगी?Ó पेडलर ने पहले चेहरा भांपने की कोशिश की। फिर धीरे से बोला- अभी माल की शॉर्टेज है, सीजन चल रहा है, 2500 लगेंगे। रुपए देने पर पेडलर ने एक ग्राम एमडीएमए की पुडिय़ा थमा दी।
शाम 7 बजे: तंग गलियों में खेल
रिपोर्टर शहर के बीच मालदास स्ट्रीट पहुंचा, जहां एक तंग गली में मिले पेडलर ने एमडीएमए की पुडिय़ा मिलने की बात तो कही, लेकिन उजागर होने के संदेह से बचने के लिए उसने थोड़ी देर बाद आने को कह दिया। दुबारा संपर्क किया तो वह नशीला पदार्थ होने से इनकार करने लगा। इसी तरह शहर की और भी गलियों में मादक पदार्थ खरीदना सम्भव लगा।
शाम 7.30 बजे : धोली बावड़ी
धोली बावड़ी क्षेत्र की तंग गली के एक मकान में ठिकाना होने की जानकारी पर पत्रिका टीम पहुंची। जहां एमडीएमए उपलब्ध हो जाती है, लेकिन अनजान चेहरे देखकर पेडलर बातों में घुमाता रहा। दो-तीन बार संपर्क करने पर भी वह थोड़ी देर में आने पर उपलब्ध होने की बात करता रहा। इस धंधे में शामिल उसके परिजन भी टालने की बात करते रहे।
रात 8 बजे: जगदीश चौक-गणगौर घाट
जगदीश चौक क्षेत्र में नशे का सामान खरीदने की कोशिश की, जहां पर ऑटो चालकों ने होटल की ओर इशारा किया। रिपोर्टर होटल पहुंचा, लेकिन वहां मौजूद व्यक्ति ने भी कहा कि रूम चाहिए तो ले लो, जो मांगोगे मिल जाएगा। इसी तरह महावतवाड़ी में भी एमडीएमए उपलब्ध होने की जानकारी मिली। क्षेत्रवासियों ने दबी जुबां से कहा कि जानकार ऑटो चालक विदेशी पर्यटकों के लिए यहां से एमडीएमए ले जाते हैं।
रात 9 बजे : बलीचा बायपास
रिपोर्टर बलीचा बाईपास पहुंचा, जहां गुजराती पर्यटकों की आवाजाही के चलते चारों ओर भीड़भाड़ का माहौल था। इसी बीच एक थड़ी वाले से नशे की पुडिय़ा एमडीएमए मांगी तो थड़ी संचालक ने कहा कि पास की होटल में मिल जाएगी, लेकिन बिना पहचान नहीं देंगे। पास की होटल में पहुंचे और नशे की पुडिय़ा मांगी तो ंसंचालक ने कहा कि रूम लो तो उसमें सब सुविधा मिल जाएगी।

यह जानें स्थिति

  • शाम 6 से 9 बजे के बीच खेल: रिपोर्टर ने इस खेल के जानकारों से बात की तो सामने आया कि जो नशेड़ी नियमित ग्राहक हैं या इस धंधे से जुड़े हैं, उन्हें कभी भी मिल जाती है। अमूमन शाम 6 से 9 बजे के बीच इसका काम तेज होता है।
  • ये ठिकाने आए सामने : शहर में सवीना, सीए सर्कल, बलीचा, धोली बावड़ी, खांजीपीर, गवर्नमेंट प्रेस, अलीपुरा, महावतवाड़ी, जगदीश चौक, मलदास स्ट्रीट आदि क्षेत्र सामने आए हैं, जहां एमडीएमए ड्रग उपलब्ध कराने वालों के ठिकाने हैं।नशेड़ी के किरदार में रिपोर्टरलेकसिटी में नशे के कारोबार को उजागर करने के लिए रिपोर्टर ने शहर की अंदरुनी गलियों से लेकर शहर से जुड़े हाइवे पर 20-20 किलोमीटर तक तीन दिन और रात तक पहुंच बनाई। नशे के सौदागरों से मिलते समय रिपोर्टर ने भी अपना हूलिया नशेडिय़ों जैसा बनाया और नशेड़ी के किरदार में ही बात की। संवेदनशील जगहों पर हमला होने जैसी आशंका पर भी मजबूती दिखाकर काम किया।
Published on:
29 Nov 2024 06:31 pm
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