मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़ के निधन के बाद लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ आज पिता की विरासत संभालेंगे।
Laxyaraj Singh Mewar Gaddi Festival: पूर्व राजपरिवार के सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़ के निधन के बाद परंपरानुसार सिटी पैलेस में गद्दी उत्सव चेत्र शुक्ल पंचमी के मौके पर आज हो रहा है। पूर्व राजपरिवार के सदस्य लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ को गद्दी पर बैठाने की परंपरा शुरू हो चुकी है। सुबह 9.30 से हवन पूजन शुरू हो चुका है। यह ऐतिहासिक समारोह पूर्व राजपरिवार में 350 साल से अनुष्ठान करने वाले मेवाड़ के कुल गुरु की ओर से किया जा रहा है। मंगलवार शाम को आयोजन की तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया।
गद्दी उत्सव समारोह को लेकर सिटी पैलेस में बड़े स्तर पर तैयारियां की गई। उत्सव में प्रतिष्ठित लोगों के शामिल होने की संभावना है, जिन्हें निमंत्रण भेजे गए हैं। आयोजन में शामिल होने वाले पुरुषों के लिए सफेद कुर्ता-पायजामा और महिलाओं के लिए सफेद सूट या पारंपरिक सफेद पोशाक निर्धारित की गई है।
-सुबह 9.30 से 1.30 बजे तक सिटी पैलेस में गद्दी उत्सव चलेगा
-दोपहर 3.15 बजे सिटी पैलेस में ही नोपति अश्व पूजन किया जाएगा
-शाम 4.20 बजे कैलाशपुरी स्थित मंदिर एकलिंगनाथ के दर्शन करेंगे
-शाम 7 बजे शहर के हाथीपोल द्वार का पूजन करने की परंपरा निभाएंगे
-रात 8.15 बजे सिटी पैलेस में ही रंग पलटाई का दस्तूर किया जाएगा
-रात 9 बजे भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने जगदीश मंदिर जाएंगे
उल्लेखनीय है कि पूर्व राजपरिवार के सदस्य अरविंदसिंह मेवाड़ का निधन 16 मार्च को हो गया था। जहां उन्हें विदा करने के लिए समूचे मेवाड़ के लोगों की भागीदारी रही थी, वहीं बीते 15 दिनों के दरमियान देशभर से लोग सिटी पैलेस पहुंचे और शोक जताया। सिटी पैलेस की परंपरानुसार अरविंदसिंह के पुत्र लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ जिमेदारी संभालेंगे।
सिटी पैलेस के आयोजन को गद्दी उत्सव करार देने पर केंद्रीय मेवाड़ क्षत्रिय महासभा संस्थान ने आपत्ति जताई है। केंद्रीय अध्यक्ष अशोक सिंह मेतवाला ने बताया कि पूर्व राजपरिवार के सदस्य विश्वराज सिंह का गद्दी दस्तूर 25 नवबर 2024 को चित्तौडग़ढ़ दुर्ग पर परम्परानुसार हुआ। संस्थान का एतराज इस बात पर है कि जो दस्तूर परपरा के अनुसार हो चुके हैं, वह पूर्व राजपरिवार के उत्तराधिकारी के साथ ही होते हैं। किसी अन्य को गद्दी दस्तूर कहने का अधिकार नहीं है। वह सर्वथा अनुचित होकर सामाजिक परपराओं के विपरीत है। इस तरह किसी के निजी कार्यक्रम को गद्दी दस्तूर कहना परंपरा के साथ खिलवाड़ है, जो सरासर गलत है।