उदयपुर

Cheap Electricity : राजस्थान के बिजली उपभोक्ताओं के लिए जरूरी खबर, बिजली सस्ती तो क्यों नहीं मिल रहा फायदा, जानें हकीकत

Rajasthan Electricity Update : राजस्थान के बिजली उपभोक्ताओं के लिए जरूरी खबर। राजस्थान विद्युत नियामक आयोग की ओर से तय बिजली दरों से भी सस्ती बिजली निगमों को उपलब्ध हो रही है। तो अगर बिजली सस्ती है तो क्यों नहीं मिल रहा फायदा, जानें हकीकत।

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फाइल फोटो पत्रिका

Rajasthan Electricity Update : राजस्थान में बिजली उत्पादन बेहतर होने से विद्युत निगमों को सस्ती बिजली उपलब्ध हो रही है, जिसे बिजली एक्सचेंज में और सस्ती दरों में बेचना पड़ रहा है, पर विद्युत निगम फ्यूल सरचार्ज में फायदा उपभोक्ताओं को नहीं दे रहे। अगर निगम यह लाभ जनता तक पहुंचाए तो हर महीने बिलों में 'बेस फ्यूल सरचार्ज' जोड़ने की जरूरत ही खत्म हो सकती है।

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कम दर में बिजली बेचने से सरकारी कम्पनियों को हो गया घाटा

राजस्थान विद्युत नियामक आयोग (आरइआरसी) की ओर से तय बिजली दरों से भी सस्ती बिजली निगमों को उपलब्ध हो रही है। जुलाई महीने के आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में बिजली की औसत खरीद दर 4.19 रुपए प्रति यूनिट ही रही, जो आरइआरसी की ओर से स्वीकृत दर 4.24 रुपए प्रति यूनिट से भी 5 पैसा कम है। ऐसे में उपभोक्ताओं को इसका लाभ मिल सकता था, पर प्रसारण प्रभार की अधिकता और एनर्जी एक्सचेंज को औसत खरीद दर से भी बहुत कम दर ( मात्र 3.25 रुपए प्रति यूनिट) पर बिजली बेची गई। कम दर में बिजली बेचने से सरकारी कम्पनियों को घाटा हो गया। लिहाजा उपभोक्ताओं को लाभ नहीं मिल पा रहा। बीते जुलाई के बिलों में उपभोक्ताओं से बिजली उपभोग पर 28 पैसे प्रति यूनिट 'बेस फ्यूल सरचार्ज' दर ली गई। अक्टूबर के बिलों में आधार ईंधन अधिभार से राहत मिलनी चाहिए।

खरीद बेचान की स्थिति

1- सरकार ने एनर्जी एक्सचेंज को करीब 56 करोड़ यूनिट बिजली बेची, जिसकी दर महज 3.25 रुपए प्रति यूनिट ही रही।
2- लिहाजा शुद्ध बिजली खरीद 887 करोड़ यूनिट रही, जिसकी औसत दर 4.80 रुपए प्रति यूनिट आंकी गई।

बिजली खरीद का माध्यम एनर्जी एक्सचेंज

बिजली की मांग और आपूर्ति को संतुलित करने के लिए एनर्जी एक्सचेंज बना हुआ है। यह एक ऐसा मंच है, जहां बिजली उत्पादक और बिजली वितरण कंपनियां आपस में बिजली की खरीद-फरोख्त करती हैं। इसे आमतौर पर बिजली का शेयर बाजार भी कहते हैं। एनर्जी एक्सचेंज पर हर दिन बिजली की दर मांग और आपूर्ति के आधार पर तय होती है। यह प्रक्रिया ऑनलाइन बोली के जरिए होती है। देश में इंडियन एनर्जी एक्सचेंज और पावर एक्सचेंज इंडिया कार्यरत है।

सिस्टम डेवलप करने की जरूरत

बिजली निगम अमूमन बिजली खरीद-बेचान, सरचार्ज का हिसाब स्पष्ट नहीं करते। ऐसे में बिलों में जनता का फायदा जनता तक पहुंचे, इसके लिए सिस्टम डेवलप करने की जरूरत है। मासिक फ्यूल सरचार्ज का लाभ जनता का हक है। इसकी गणना के लिए सॉफ्टवेयर विकसित होना चाहिए।
वाइके बोलिया, रिटायर्ड एसइ व ऊर्जा सलाहकार

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Published on:
03 Oct 2025 10:50 am
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