स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत उदयपुर में 940 करोड़ रुपए खर्च कर 112 काम पूरे कर दिए गए। लेकिन हैरानी की बात यह है कि इन करोड़ों की योजनाओं में राहगीरों के लिए सुरक्षित लेन बनाने का विजन तक नहीं दिखा। उल्टे जहां पहले फुटपाथ बने हुए थे, उन्हें भी चौड़ाई और पार्किंग के नाम पर हटा दिया गया।
उदयपुर. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत उदयपुर में 940 करोड़ रुपए खर्च कर 112 काम पूरे कर दिए गए। लेकिन हैरानी की बात यह है कि इन करोड़ों की योजनाओं में राहगीरों के लिए सुरक्षित लेन बनाने का विजन तक नहीं दिखा। उल्टे जहां पहले फुटपाथ बने हुए थे, उन्हें भी चौड़ाई और पार्किंग के नाम पर हटा दिया गया। हिरणमगरी की स्मार्ट रोड इसका बड़ा उदाहरण है। यहां 36 करोड़ रुपए खर्च कर बीच सडक़ पर पार्क बना दिया गया, जिससे 100- 50 फीट चौड़ीसडक़ वाहनों के लिए भी संकरी पड़ गई, फुटपाथ पर कब्जे हो गए। इसके अलावा सूरजपोल चौराहे को बिगाडकऱ यहां फुटपाथ ही खत्म कर दिया। उदियापोल पर बना फुटपाथ स्ट्रीट वेंडर को दे दिया गया।
स्मार्ट रोड से नहीं दिखाई स्मार्टनेस
हिरणमगरी स्मार्ट के नाम से बनाई गई रोड का न तो विजन दिखाया और न ही मॉनिटरिंग की। नतीजा 36 करोड़ खर्च करने के बावजूद अच्छी खासी 100 से 150 फीट चौड़ीसडक़ वाहनों के लिए भी छोटी पड़ गई। बेवजह सडक़ के बीचोंबीच 10 से 15 फीट चौड़ा पार्क धूल मिट्टी सब के लिए परेशानी का सबब बन गया। इस पार्क में न तो कोई परिवार जाता है और न ही बच्चे झूले झूलते हैं। फुटपाथ पर फूड कॉर्नर खुल गए तो साइकिल ट्रेक पर दुकानदारों ने अतिक्रमण कर लिया। इतना ही नहीं माली कॉलोनी.हिरणमगरी लिंक रोड पर प्रस्तावित चौराहा कागजों में दफन हो गया।
सूरजपोल पर था फुटपाथ, जिसे सडक़चौड़ी कर खत्म किया
सूरजपोल-टाउनहॉल मार्ग पर फुटपाथ था, जिसे चौराहे को बिगाडऩे के बाद सडक़चौड़ी करने के नाम पर खत्म कर दिया गया। यहां पर पहले चौराहे को बिगाड़ा गया। एक गुमटी में चलने वाले चौराहे को बड़ा कर वाहनों के आवागमन में बाधा पैदा कर दी। बची कसर वहां करोड़ो की मैकेनाइज्ड पार्किंग बनाकर पूरे चौराहे पर खत्म कर दी। हालात ऐसे हो गए कि वाहन के लिए जगह नहीं बची। सडक़चौड़ी करने के नाम पर यहां से फुटपाथ ही खत्म कर दिया।
जहां फुटपाथ वहां राहत
शहर में रानी रोड व नई पुलिया से द स्टडी तक बने फुटपाथ है, जहां लोगों को काफी राहत है। रानी रोड पर लोग सुबह-शाम लोग वॉक और जॉगिंग करते हैं। यहां ट्रैफिक होने के बावजूद लोगों को कोई परेशानी नहीं होती है।
सुरक्षित लेन नहीं होने से नुकसान
- राहगीर बीच सडक़ पर चलने का मजबूर हैं और दुर्घटनाएं बढ़ रही है।
- सडक़ पर चलते समय आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है।
- फुटपाथ पर दुकानदार और वेंडरों का अतिक्रमण
940 करोड़ के काम करवाए स्मार्ट सिटी ने
112 काम अलग-अलग जगह हुए
1 भी फुटपाथ या सुरक्षित लेन नहीं बनाई राहगीरों के लिए
3 जगह फुटपाथ थे, जिन्हें खत्म कर दिया
2 जगह रानी रोड व नई पुलिया पर सुरक्षित है फुटपाथ