Digital Arrest: नानाखेड़ा थाना क्षेत्र में महिला को डिजिटल अरेस्ट कर धमकाते हुए 94 हजार रूपए की ठगी का मामला सामने आया है। ठगों ने खुद को नारकोटिक्स अधिकारी बताकर बड़े शातिराना अंदाज में महिला को ठगा।
Digital Arrest Case Ujjain: साइबर पुलिस के तमाम प्रयासों के बावजूद मध्य प्रदेश में डिजिटल ठगी की वारदतों में लगाम लगने का नाम नहीं ले रही है। ताजा मामला सूबे के उज्जैन से सामने आया है। शहर के नानाखेड़ा थाना इलाके में रहने वाली एक महिला को शातिर जालसाजों ने डिजिटल अरेस्ट कर 94 हजार रुपए की ठगी की है। ठगों ने महिला को फोन कर मुंबई का नारकोटिक्स अधिकारी बताया और धमकाते हुए कहा कि उसके नाम से ईरान के लिए एक पार्सल बुक हुआ है, जिसमें ड्रग्स निकली है। हालांकि, डिजिटल अरेस्ट की शिकार होने के बाद महिला ने पुलिस में मामले की शिकायत दर्ज कराई है।
मामले को लेकर पुलिस ने बताया कि नानाखेड़ा थाना इलाके में रहने वाली एक महिला के पास शुक्रवार को एक कॉल आया। फोन करने वाले शख्स ने खुद को मुंबई से नारकोटिक्स विभाग का अधिकारी बताया। साथ ही, ये भी कहा कि उसके नाम से ईरान के लिए एक पार्सल बुक हुआ है। इसकी जांच की गई तो पार्सल के अंदर ड्रग्स निकली है।
कॉल करने वाले ने कहा कि अगर किसी भी कार्रवाई से बचना चाहती है तो ऑनलाइन 94 हजार रुपए दिए गए नंबर पर जमा करे। कॉलक ने ये भी कहा कि अगर ड्रग्स उसकी नहीं है तो आधे घंटे में उसके रुपए उसी के नंबर के माध्यम से वापस आ जाएंगे। इस दौरान सामने बैठे कॉलर ने महिला से कहा कि अगर वो बेकसूर है तो किसी भी परिस्थिति में वीडियो कॉल छोड़कर नहीं जाएगी। वरना उसे दोषी मानकर कार्रवाई की जाएगी।
वीडियो कॉल पर सामने बैठे शख्स की बातों में आकर महिला डर गई। उसने तुरंत ही सामने वाले शख्स की ओर से भेजे गए नंबर पर रुपए जमा कर दिए। महिला को ठगी का अहसास उस समय हुआ, जब आधा घंटा बीत जाने के बावजूद इसके रूपए वापस नहीं आए। इसके बाद महिला ने अपने पति और ससुर को उसके साथ घटी घटना के बारे में बताया। फिर महिला अपने पति के साथ पुलिस में शिकायत दर्ज कराने पहुंची।
महिला की शिकायत दर्ज करे के बाद पुलिस ने उसे समझाया कि, 'पुलिस हो या नारकोटिक्स विभाग, इस तरह किसी को भी अरेस्ट नहीं करता। ये संभव है कि किसी पुलिसकर्मी या अन्य अधिकारी के जरिए घर पहुंचकर या घर न मिलने की स्थिति में फोन पर संपर्क कर संबंधित दफ्तर पर बुलाकर मामले की पड़ताल की जा सकती है। आपके संपर्क में आने वालों को बताइयेगा, ताकि वो किसी तरह की जालसाजी के शिकार होने से बचें।
-साइबर धोखाधड़ी होने पर तत्काल साइबर हेल्प लाइन नंबर 1930 पर काल करें या सायबर हेल्प लाइन पोर्टल पर शिकायत करें।
-इंटरनेट के किसी भी माध्यम व्हाट्सऐप वीडियो कॉल या अन्य किसी एप से धमकी या लालच के झांसे में आकर रूपए ट्रांसफर न करें।
-केंद्र और राज्य सरकार की कोई भी जांच एजेंसी कभी ऑनलाइन प्लेटफार्म पर कोर्ट के आर्डर या गिरफ्तारी वारंट नहीं भेजती।
-व्हाट्सएप प्रोफाइल पर किसी पुलिस अधिकारी का फोटो लगाकर, केंद्र और राज्य सरकार की जांच एजेंसियों के मोनो लगाकर कॉल करने वालों की बातों में न आएं।
-जालसाज अनजान नंबरों से काल या वीडियो कॉल कर मानव तस्करी, एनडीपीएस आदि केस में फंसाने की धमकी देकर धोखाधड़ी करते हैं।
-साइबर धोखाधड़ी के शिकार होने पर उज्जैन आइटी सेल के साइबर हेल्प लाइन नंबर 7587624914 पर काल कर शिकायत दर्ज कराएं। यहां से मिले निर्देश के अनुसार ही आगे की कार्रवाई करें।
-अपने बैंक खातों, एटीएम कार्ड, यूपीआई, आईडी, ऑन लाइन लॉगिन आईडी और पासवर्ड किसी से भी शेयर न करें।
-अनजान कॉलर से मिली कोई भी (डॉट एपीके) पीडीएफ फाइल डाउनलोड न करें।