हर धर्म कहता है कि जो जीवन में जो गलत किया मरने का बाद यमराज उसकी सजा देते हैं, लेकिन शिव के इस रूप के दर्शन करने से यमराज खुश होते हैं...
हर धर्म में मृत्यु के बाद जीवन में की गई गलतियों, गुनाहों की सजा का कहर झेलने की बात की जाती है। इसी तरह सनातन धर्म में भी माना गया है कि मौत के बाद यमराज आपके हर गलत काम-काज का हिसाब-किताब करते हैं और हर गुनाह की यातना भी।
हर कोई चाहता है कि उसे मृत्यु के बाद स्वर्ग की प्राप्ति हो। यमराज हर गलती को माफ करें। यहां हम आपको बता रहे हैं दुनिया के ऐसे मंदिर के बारे में जहां सिर झुकाने से न केवल मरने के बाद व्यक्ति यमराज की यातनाओं से बच सकता है, बल्कि मरने के बाद उसे सीधे स्वर्ग की प्राप्ति होती है।
हम बात कर रहे हैं एमपी की ऐतिहासिक नगरी उज्जैन स्थित महाकालेश्वर (Mahakaleshwar) या महाकाल (Mahakal) मंदिर की। जी हां महाकालेश्वर शिव मंदिर (Mahakaleshwar Temple) दुनिया का इकलौता ऐसा शिव मंदिर है, जहां शिवलिंग दक्षिणमुखी हैं। मान्यता है कि यहां सच्चे मन से दर्शन करने से यमराज आपसे खुश हो जाते हैं और मरने के बाद आपको यातनाएं नहीं झेलनी पड़ती।
दरअसल धर्म शास्त्र में दक्षिण दिशा का स्वामी स्वयं यमराज को माना जाता है। इसीलिए इस मान्यता को बल मिलता है। वहीं माना ये भी जाता है कि यहां सिर झुकाने वालों को मरने के बाद सीधा स्वर्ग की प्राप्ति होती है। बता दें कि महाकाल मंदिर को देश के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक माना जाता है, जहां दुनिया भर से श्रद्धालु सिर झुकाने पहुंचते हैं।