Ujjain Mahakal: श्रावण-भादौ मास में प्रतिदिन की भस्म आरती 22 जुलाई से 2 सितंबर तक प्रात:कालीन पट खुलने का समय प्रात: 3 बजे होगा।
Ujjain Mahakal: राजाधिराज भगवान महाकाल के दर्शन (Ujjain Mahakal darsan) के लिए सावन-भादौ मास में देश-विदेश से लाखों भक्त उज्जैन पहुंचेंगे। मंदिर प्रशासन और जिला प्रशासन ने भी तैयारी शुरू कर दी है। किस तरफ से भक्तों को प्रवेश दिया जाएगा, कहां पार्किंग और जूता स्टैंड होंगे, कितनी देर में दर्शन हो सकेंगे आदि विषयों पर मंथन हो चुका है, अब धरातल पर तैयारी व्यवस्थाओं को लाया जाने का काम शुरू हो रहा है।
श्रावण-भादौ मास में प्रतिदिन की भस्म आरती 22 जुलाई से 2 सितंबर तक प्रात:कालीन पट खुलने का समय प्रात: 3 बजे होगा। प्रत्येक सोमवार को भस्म आरती का समय प्रात: 2.30 बजे होगा। भस्म आरती प्रतिदिन प्रात: 3 से 5 बजे तक और प्रत्येक सोमवार को 2.30 से 4.30 बजे तक होगी। 3 सितम्बर से पट खुलने का समय पूर्ववत होगा। श्रावण-भादौ मास में भस्म आरती में श्रद्धालुओं की संख्या कम कर कार्तिकेय मंडप की अंतिम तीन पंक्तियों से श्रद्धालुओं के लिए चलित दर्शन व्यवस्था रहेगी।
अभी महाकाल भस्म आरती में सीमित संख्या होने के कारण 1800 भक्त ही शामिल हो पाते हैं। फिलहाल की व्यवस्था के अनुसार इनमें से 700 के करीब लोग वीआईपी प्रोटोकॉल परमिशन के जरिए शामिल होते हैं। वहीं शनिवार और रविवार इन वीआईपी प्रोटोकॉल परमिशन बंद होने से सामान्य श्रद्धालुओं को अधिक फायदा होगा। फिलहाल इन्हें ऑफलाइन और ऑनलाइन परमिशन में बांटा जाएगा, जिससे श्रद्धालु घर बैठे और मंदिर आकर विंडो से परमिशन बनवा सकेंगे।
शीघ्र दर्शन व्यवस्था (250रु.) द्वार नम्बर-4 एवं 5 के रास्ते विश्रामधाम रैम्प, सभा मण्डपम होते हुए गणेश मंडपम से बाबा के दर्शन बाद निर्गम द्वार अथवा नवीन आपातकालीन निर्गम द्वार से बाहर जाएंगे। वीवीआइपी निर्माल्य द्वार से मन्दिर में प्रवेश कर सूर्यमुखी द्वार से सभा मंडपम नंदी हॉल व गणेश मंडपम से दर्शन कर इसी मार्ग से पुन: बाहर की ओर प्रस्थान करेंगे।
प्रशासक मृणाल मीना ने बताया कि श्रावण-भादौ मास में सामान्य दर्शन व्यवस्था त्रिवेणी संग्रहालय के समीप नंदी द्वार से की जाएगी। यहां यदि अधिक भीड़ हुई तो चारधाम तक बैरिकेड्स लगाए जाएंगे। इसी प्रकार श्री महाकाल महालोक, मानसरोवर भवन, फेसिलिटी सेंटर-1, टनल मन्दिर परिसर, कार्तिक मण्डपम, गणेश मण्डपम से भगवान महाकाल के दर्शन दर्शनार्थी करेंगे।
साथ ही भारत माता मन्दिर की ओर से प्रशासनिक कार्यालय के सामने से आने वाले श्रद्धालु शंख द्वार से मानसरोवर भवन में प्रवेश कर फेसिलिटी सेंटर-1 एवं टनल मन्दिर परिसर, कार्तिक मण्डपम, गणेश मण्डपम से दर्शन उपरांत (निर्माल्य द्वार) अथवा नवीन आपातकालीन निर्गम द्वार से सीधे बाहर के लिए प्रस्थान करेंगे।
बड़ा गणेश मन्दिर की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बड़ा गणेश मन्दिर, त्रिवेणी द्वार से आने वालों के लिए मानसरोवर भवन के समीप, भारत माता मन्दिर से आने वालों के लिए प्रशासनिक कार्यालय के समीप जूता स्टेण्ड की व्यवस्था रहेगी।