यूपी न्यूज

रविवार की शाम एसआरएमएस रिद्धिमा में गजलों से सजी सुरमयी महफिल

एसआरएमएस रिद्धिमा के प्रेक्षागृह में रविवार, 6 अक्टूबर 2024 को "अल्फाज ओ एहसास" नामक गजल गायकी की एक खूबसूरत शाम का आयोजन किया गया। इस महफिल में रिद्धिमा के गायन गुरुओं और विद्यार्थियों ने सुरमयी गजलों की प्रस्तुति देकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

less than 1 minute read
Oct 06, 2024

बरेली। एसआरएमएस रिद्धिमा के प्रेक्षागृह में रविवार, 6 अक्टूबर 2024 को "अल्फाज ओ एहसास" नामक गजल गायकी की एक खूबसूरत शाम का आयोजन किया गया। इस महफिल में रिद्धिमा के गायन गुरुओं और विद्यार्थियों ने सुरमयी गजलों की प्रस्तुति देकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम की शुरुआत गायन गुरु स्नेह आशीष दुबे ने "उसके हंसते चेहरे से" गजल से की। इसके बाद गायन की विद्यार्थी वो हमसफर था गाकर मंच पर आईं। लता अग्रवाल ने "दर्द जब तेरी अता है" को अपनी आवाज से सजाया, जबकि नंदिता पाठक ने "कोई कैसे बताए कि वो तन्हा है" पेश की। अंशुमा अग्रवाल ने "अखियां नू रैन दे" गजल से माहौल को और भी भावपूर्ण बना दिया।

अपने चेहरे से जो…

इस शाम में गायन के विद्यार्थी और एसआरएमएस ट्रस्ट के प्लेसमेंट डायरेक्टर डा. अनुज कुमार और गायन गुरु प्रियंका ग्वाल ने भी गजलों के लोकप्रिय मुखड़े प्रस्तुत किए। गुरु प्रियंका ने "अपने चेहरे से जो" और इंदू परडल ने "हायो रब्बा" जैसे गानों से श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। गुरु स्नेह आशीष दुबे ने "नियत ए शौक भर न जाए कहीं" और प्रियंका ग्वाल ने "जब से तुमने मुझे दीवाना बना रखा है" को सुरों से सजाया।

गजल की महफिल में रहे ये लोग

गजल की इस महफिल में गायन के गुरुओं और विद्यार्थियों की आवाज को वादन गुरु उमेश मिश्रा (सारंगी), सूर्यकांत चौधरी (वायलिन), टुकुमनी सेन (हारमोनियम), हिमांश चंद्रा (गिटार और मेंडोलिन), सूरज पांडेय (बांसुरी), अनुग्रह सिंह (कीबोर्ड), सुमन बिस्वास और अमर नाथ (तबला) की जुगलबंदी ने और भी सुरमयी बना दिया। इस मौके पर एसआरएमएस ट्रस्ट के संस्थापक व चेयरमैन देव मूर्ति, आशा मूर्ति, उषा गुप्ता, आदित्य मूर्ति, इंजीनियर सुभाष मेहरा, डा. अनुज कुमार, डा. रीटा शर्मा सहित शहर के कई प्रमुख लोग मौजूद रहे।

Published on:
06 Oct 2024 08:05 pm
Also Read
View All

अगली खबर