Best Direction for Kitchen: किचन को घर का दिल कहा जाता है। वास्तु के अनुसार, किचन का सही दिशा में होना बहुत जरुरी होता है। किचन सही दिशा घर में हो तो, इससे पॉजीटिव एनर्जी और हेल्थ बेनीफिट्स मिलते हैं। वहीं गलत दिशा में होने पर यह दुर्भाग्य भी ला सकता है। इस लेख में वास्तु विशेषज्ञ से समझिए, किचन किस दिशा में होना चाहिए।
Kitchen Direction as Per Vastu: कई बार सबकुछ ठीक चलने के बाद भी एक नेगेटिव एनर्जी फील होती है और उदासी छायी रहती है। वास्तु के अनुसार, इसका कारण आपके किचन की गलत दिशा भी हो सकती है। गलत दिशा में किचन बनाने से कई दिक्कतों का सामना आपको करना पड़ सकता है। ऐसे में सही दिशा का ज्ञान होना बहुत जरूरी है। आज आपकी इसी समस्या का समाधान हम इस लेख में लेकर आए हैं। इसमें आप वास्तु विशेषज्ञ से जान पाएंगे, कि किचन की सही दिशा क्या होनी चाहिए और इसके फायदे क्या हैं?
वास्तु विशेषज्ञ पंडित निलेश शांडिल्य के अनुसार, वास्तु शास्त्र में किचन की दिशा को लेकर कई नियम बताए गए हैं। वास्तु के मुताबिक, किचन के लिये सबसे शुभ दिशा आग्नेय यानी दक्षिण-पूर्व मानी जाती है। आग्नेय को अग्नि तत्व का स्थान माना जाता है। ऐसे में गैस चूल्हा और कुकिंग प्लेटफॉर्म दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना उत्तम होता है। यदि दक्षिण पूर्व में जगह ना हो तो, उत्तर पश्चिम दिशा में भी रख सकते हैं। इस दिशा में वायु का प्रवाह बेहतर रहता है और ऊर्जा संतुलित होती है।
ईशान्य यानी उत्तर-पूर्व दिशा में किचन नहीं होना चाहिए। इसकी वजह ये है कि, यह जल और शांति की दिशा है। यहां किचन होने पर पारिवारिक प्रेम और मानसिक शांति पर असर पड़ सकता है। इसी तरह दक्षिण-पश्चिम दिशा भी किचन के लिए अशुभ मानी जाती है। यह दिशा स्वास्थ्य, धन वृद्धि और फैमेिली पर नेगेटिव असर ड़ाल सकती है।
वास्तु के अनुसार, पूर्व दिशा की ओर मुंह करके भोजन करना सबसे शुभ होता है। यदि किचन उत्तर-पश्चिम दिशा में बना हो तो, खाना खाते समय पूर्व दिशा और खाना बनाते समय उत्तर की ओर मुख करना सही होता है। इसके अलावा उत्तर और पश्चिम मुखी किचन द्वार सबसे अच्छा माना जाता है। या फिर दक्षिण-पूर्व दिशा में भी प्रवेश द्वार रख सकते हैं।