Leopard Attack in Varanasi: वाराणसी एक चौबेपुर थाने के एक गांव में तेंदुए के आतंक से गांववाले परेशान हो गए हैं। तेंदुए ने अब तक तीन लोगों और दो जानवरों को जख्मी कर दिया है। फारेस्ट विभाग की टीम उसे पकड़ने के लिए जल बिछा रही है।
Varanasi Leopard Attack: उत्तर प्रदेश के वाराणसी के चौबेपुर थाने के गौरांकला गांव में तेंदुए ने हमला बोल दिया। तेंदुए के हमले से गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है। तेंदुए ने अब तक गांव के तीन लोग और दो जानवरों को जख्मी कर दिया है। गांव की सुरक्षा बढ़ा दी गई है और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर कॉम्बिंग में लगी हुई है।
चौबेपुर थाने के नवापुरा बस्ती के रहने वाले अमित मौर्य सुबह जब बाग में फूल तोड़ने गए तो उन्होंने झाड़ियों के पीछे तेंदुए को देखा। अमित ने तेंदुए को भगाने की कोशिश की तब तक तेंदुए ने अमित पर हमला कर दिया। गांव के लोग डंडे खड़ाकर अमित को बचाया तब तक अमित का पूरा चेहरा लहूलुहान हो चूका था। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
गांववालों ने घटना की सूचना पुलिस को दी। घटना की सूचना मिलते ही डीएफओ स्वाति सिंह मौके पर पहुंची। उनके साथ वन विभाग की टीम भी पहुंची। तब तक तेंदुआ लगभग 200 किलोमीटर दूर सोनकर बस्ती की ओर भाग चूका था। रेंजर और वन विभाग की टीम के साथ चौबेपुर और सारनाथ थानों की पुलिस भी मौके पर पहुंची और करौधा के बगीचे की चारों ओर घेराबंदी कर ली गई है।
गांववालों ने फारेस्ट विभाग की टीम पर लापरवाही करने का आरोप लगाया। गांववालों ने कहा कि सूचना देने के 1 घंटे बाद वन विभाग की टीम पहुंची वो भी खाली हाथ। वन विभाग की टीम की देरी से तेंदुए को पकड़ने में देर हुई है और तब तक तेंदुआ आतंक मचाता रहा।
डीएफओ स्वाति सिंह ने बताया कि ट्रेंक्विलाइजर गन गोरखपुर या लखनऊ से मांगना पड़ेगा। पिंजड़ा और जाल लगा दिया गया है। तेंदुए को पकड़ने का प्रयास जारी है। बता दें कि तेंदुए को पकड़ने की कोशिश में सुबह 9 बजे से लगभग 100 लोगों की टीम लगी हुई है और ड्रोन से निगरानी की जा रही है।
मामला वाराणसी शहर से लगभग 8 किलोमीटर दूर स्थित चौबेपुर थाना क्षेत्र के नवापुरा बस्ती का है, जहां करीब 5,000 लोग रहते हैं। इलाके में तेंदुए की मौजूदगी से भय का माहौल है। डर के चलते लोग अपने घरों के दरवाजे अंदर से बंद करके छतों पर शरण लिए हुए हैं। प्रशासन ने भी लोगों को सतर्क करते हुए घरों से बाहर न निकलने की सलाह दी है।