Afghanistan Earthquake: अफगानिस्तान में आए 6.0 तीव्रता के भूकंप ने तबाही मचा दी है। जान-माल का काफी नुकसान हुआ है। इस वजह से मरने वालों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है।
अफगानिस्तान (Afghanistan) में आए 6.0 तीव्रता के भूकंप (Earthquake) ने तबाही मचा दी है। इस भूकंप की वजह से जलालाबाद (Jalalabad) और आसपास के अन्य प्रभावित इलाकों में हाहाकार मच गया है। जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। कुछ गांव तो पूरी तरह से तबाह हो गए हैं। घर तहस-नहस होकर मलबे में बदल गए। लोग बेघर हो गए, सड़कें धंस गई और चीखपुकार मच गई। इस भूकंप के बाद जलालाबाद और आसपास के इलाकों में कई आफ्टरशॉक्स भी दर्ज किए गए।
भूकंप इतना घातक था कि पहले से ही इस बात की आशंका जताई जा रही थी कि इससे नुकसान भी काफी होगा। इस भूकंप की वजह से अब तक मरने वालों का आंकड़ा 1,411 पहुंच चुका है। तालिबान सरकार के आंतरिक मंत्रालय के प्रवक्ता और रेड क्रेसेंट सोसायटी ने इस बारे में जानकारी दी।
तालिबान सरकार के आंतरिक मंत्रालय के प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि भूकंप की वजह से घायल हुए लोगों का आंकड़ा 3,100 से ज़्यादा पहुंच गया है। घायलों को नज़दीकी अस्पतालों, क्लिनिकों और चिकित्सा केंद्रों में भर्ती कराया गया है, जहाँ उनका इलाज चल रहा है। इनमें से कई घायलों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। ऐसे में मरने वालों का आंकड़ा और बढ़ सकता है।
अफगानिस्तान में आए इस भूकंप के बाद मदद के लिए सबसे पहले भारत आगे आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने इस दर्दनाक आपदा पर शोक जताते हुए हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया था। विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) ने भी इस मामले में अफगान विदेश मंत्री मौलवी आमिर खान मुत्ताकी (Mawlawi Amir Khan Muttaqi) से बात की थी। भारत ने अफगानिस्तान में 1000 परिवारों के लिए टेंट पहुंचाए हैं। इसके साथ ही भारतीय मिशन द्वारा काबुल से कुनार तक 15 टन खाद्य सामग्री भी पहुंचाई गई है। जयशंकर ने यह भी बताया कि भारत की तरफ से अफगानिस्तान के लिए और राहत सामग्री भी भेजी जाएगी।
भूकंप अफगानिस्तान के नांगरहार (Nangarhar) प्रांत की राजधानी जलालाबाद जिले में भारतीय समयानुसार 1 सितंबर को आधी रात के बाद 12 बजकर 47 मिनट पर आया। उस समय अफगानिस्तान में देर रात 11 बजकर 47 मिनट समय था और लोग सो रहे थे। भूकंप की तीव्रता 6.0 थी जो काफी ज़्यादा होती है और इसकी गहराई 8 किलोमीटर थी, जो बेहद कम है। कम गहराई होने की वजह से ही भूकंप इतना घातक रहा।