अमेरिका अब चीन के खिलाफ भारत का साथ चाहता है। क्या है पूरा मामला? आइए नज़र डालते हैं।
टैरिफ मामले पर भारत (India) और अमेरिका (United States Of America) के संबंधों में पिछले कुछ समय में दरार पड़ी है। इस मामले पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने समय-समय पर भारत को रूस (Russia) से तेल न खरीदने की भी धमकी दी। हालांकि भारत पर इन धमकियों का कोई असर नहीं पड़ा। अमेरिका के रुख से भारत और चीन (China) में नज़दीकियाँ बढ़ गई, जिससे ट्रंप को भी झटका लगा। इसी वजह से ट्रंप ने पिछले कुछ हफ्तों में कई बार भारत और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की तारीफ भी की है। अब एक मुद्दे पर अमेरिका के सुर फिर बदल गए हैं।
अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट (Scott Bessent) ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि चीन ने रेयर अर्थ मिनरल्स के एक्सपोर्ट पर सख्ती के लिए नए प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है, जो अगले महीने से लागू होंगे। इनमें विदेशी सैन्य उपयोग के लिए प्रतिबंध और प्रतिबंधित कई रेयर अर्थ मिनरल्स शामिल हैं। बेसेन्ट ने इसे 'चीन बनाम बाकी पूरी दुनिया' का युद्ध बताया और इस मुद्दे पर भारत और यूरोपीय देशों के समर्थन की उम्मीद जताई।
रेयर अर्थ मिनरल्स धरती में पाए जाने वाले दुर्लभ खनिज होते हैं। इनका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, स्मार्टफोन, एयर टर्बाइन, एलईडी लाइट्स, सेमीकंडक्टर, डिफेंस इक्विपमेंट्स और दूसरी कई अहम चीज़ों के निर्माण में होता है। चीन इनका 70% खनन और 90% प्रसंस्करण नियंत्रित करता है, जिससे ग्लोबल सप्लाई पर चीन का ही एकाधिकार है।
अमेरिका में कई सेक्टर्स के लिए रेयर अर्थ मिनरल्स की ज़रूरत है। ऐसे में इस मामले में अमेरिका, काफी हद तक चीन पर निर्भर है, लेकिन ट्रंप के 'टैरिफ वॉर' के बीच चीन ने इन रेयर अर्थ मिनरल्स के एक्सपोर्ट पर सख्त प्रतिबंध लगा दिए हैं।
रेयर अर्थ मिनरल्स के एक्सपोर्ट पर चीन भले ही अमेरिका के प्रति सख्त है, लेकिन भारत को छूट दी है। चीन ने भारत को ख़ास छूट देते हुए रेयर अर्थ मिनरल्स के एक्सपोर्ट पर लगाए प्रतिबंधों में ढील दी है, जिससे भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, स्मार्टफोन, सेमीकंडक्टर और डिफेंस इक्विपमेंट्स जैसी चीज़ों के प्रोडक्शन को रफ्तार मिलेगी। हालांकि इस छूट के साथ चीन ने भारत से गारंटी मांगी है कि इन रेयर अर्थ मिनरल्स को अमेरिका या हथियार निर्माण के लिए किसी अन्य देश को निर्यात नहीं किया जाए, जिस पर भारत ने ग्रीन सिग्नल दिया है।